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ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय पर बड़ा साइबर हमला, UK ने चीन के हैकरों पर लगाया आरोप

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय पर बड़े साइबर हमले की बात सामने आई है। इस हमले के पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा है। हालांकि अभी तक कोई सीधा दावा नहीं किया गया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 19, 2025 07:36 pm IST, Updated : Dec 19, 2025 07:36 pm IST
डेविड लैमी, ब्रिटेन के विदेश मंत्री। - India TV Hindi
Image Source : AP डेविड लैमी, ब्रिटेन के विदेश मंत्री।

लंदन: ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय पर बड़े साइबर हमले की खबर सामने आ रही है। यूके मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसके पीछे संदिग्ध चीनी हैकर्स  का हाथ है, जिन्होंने यूके विदेश कार्यालय के उन सिस्टमों को निशाना बनाया, जिनमें संवेदनशील दस्तावेज रखे गए थे। यूके ट्रेड मंत्री क्रिस ब्रायंट ने ‘स्काई न्यूज’ को बताया कि हैक के लिए जिम्मेदार कौन है, यह “पूरी तरह स्पष्ट नहीं” है। हालांकि, ‘द सन’ अखबार ने रिपोर्ट दी कि स्टॉर्म-1849 नामक चीनी हैकर्स के समूह ने विदेश कार्यालय के सर्वरों को निशाना बनाया और वीजा विवरण से संबंधित जानकारी तक पहुंच बनाई, जिसमें “हजारों” गोपनीय दस्तावेज और डेटा चोरी हुए। 

ब्रायंट ने कहा, “निश्चित रूप से एफसीडीओ [विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय] में हैकिंग हुई है। यह हमला कुछ महीने पहले हुआ है। उन्होंने कहा कि हमें अक्टूबर से इसकी जानकारी थी। मगर हमने बहुत जल्दी उस लूप होल को बंद कर दिया, जहां से इसे अंजाम दिया गया था। यूके में मार्क्स एंड स्पेंसर, जगुआर लैंड रोवर और ब्रिटिश लाइब्रेरी जैसे स्थानों समेत हाल में हुए अन्य प्रमुख साइबर हमलों की ओर इशारा करते हुए मंत्री ने कहा: “ये सभी हमारे लिए वास्तव में महत्वपूर्ण चीजें हैं जिन्हें हमें संभालना, जागरूक रहना और जहां संभव हो रोकना है।

साइबर हमलों से ब्रिटेन में खलबली

इस साइबर हमले के बाद ब्रिटेन में खलबली मच गई है। इसके पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा है, लेकिन अभी तक यह सिर्फ संदेह के आधार पर है। ”ब्रायंट ने एफसीडीओ की एक साइट में “तकनीकी समस्या” की ओर इशारा किया, जिसने हाल में हैकिंग की चिंताओं को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि हमें काफी विश्वास है कि इसकी वजह से किसी व्यक्ति पर वास्तव में प्रभाव पड़ने का कम जोखिम है। मैं जानता हूं कि कुछ रिपोर्ट्स ने कहा है कि संभावित रूप से विभिन्न चीजें हो सकती हैं। मुझे लगता है कि यह मददगार से अधिक अटकलें हैं। मैं इस बारे में डर नहीं फैलाना चाहता। हम इस पर काबू रखे हुए हैं। यह भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि यह कहां से आया है। 

विपक्ष ने सरकार को घेरा

इस साइबर हमले के बाद विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने लेबर सरकार पर चीन के हस्तक्षेप से देश की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। कहा, चीन हमारी सुरक्षा, संस्थानों और लोकतंत्र को कमजोर करता है, लेकिन लेबर पार्टी चीनी हस्तक्षेप से हमारे देश की रक्षा करने में विफल हो रही है। यूके की विदेश सचिव प्रीति पटेल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि स्टार्मर हर अवसर पर चीन के सामने झुकते हैं और हमारे राष्ट्रीय हित की रक्षा करने के लिए उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। 

पश्चिमी एजेंसियों ने की चीनी समूह की पहचान

‘द सन’ रिपोर्ट के अनुसार स्टॉर्म-1849 बीजिंग के राज्य-संबद्ध हैकिंग तंत्र का हिस्सा और चीन से संबद्ध जासूसी समूह है, जिसकी पहचान पश्चिमी एजेंसियों ने की है। इस समूह पर चीनी सरकार की आलोचना करने वाले राजनेताओं, संसदीय स्टाफ और संगठनों को निशाना बनाने का आरोप है, जो फिशिंग ईमेल और क्लाउड एक्सेस का उपयोग करके संवेदनशील राजनीतिक जानकारी एकत्र करते हैं। एक यूके सरकार प्रवक्ता ने कहा, “हम एक साइबर घटना की जांच करने के लिए काम कर रहे हैं। हम अपने सिस्टम और डेटा की सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेते हैं।”

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