चीन की आर्थिक गतिविधियों में नवंबर महीने में व्यापक कमजोरी के संकेत मिले हैं। द एपोक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जहां एक ओर निवेश में गिरावट का सिलसिला जारी रहा, वहीं रिटेल बिक्री की वृद्धि दर कोविड प्रतिबंध हटने के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई, जिससे घरेलू मांग की कमजोर स्थिति उजागर हुई है। ANI की खबर के मुताबिक, चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर 4.8 प्रतिशत बढ़ा, जो अक्टूबर में दर्ज 4.9 प्रतिशत की वृद्धि से कम है। यह आंकड़ा बाजार के 5 प्रतिशत के अनुमान से नीचे रहा और अगस्त 2024 के बाद सबसे धीमी वृद्धि को दर्शाता है।
खुदरा बिक्री केवल 1.3 प्रतिशत बढ़ी
उपभोक्ता खर्च का अहम पैमाना मानी जाने वाली रिटेल सेल्स (खुदरा बिक्री) नवंबर में केवल 1.3 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अक्टूबर में इसमें 2.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। यह दिसंबर 2022 के बाद सबसे कमजोर प्रदर्शन है, जब चीन ने कड़े कोविड प्रतिबंधों को हटाया था। कैपिटल इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री हुआंग जिचुन ने कहा कि नवंबर के आंकड़े घरेलू आर्थिक गतिविधियों में व्यापक कमजोरी की तस्वीर पेश करते हैं, जिसका मुख्य कारण सरकारी खर्च में कमी है। हालांकि आने वाले महीनों में नीतिगत समर्थन से आंशिक सुधार की उम्मीद है, लेकिन 2026 तक चीन की समग्र आर्थिक वृद्धि दबाव में रह सकती है।
फिक्स्ड एसेट निवेश में आई गिरावट
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण परिवारों को छोड़कर फिक्स्ड एसेट निवेश-जिसमें मशीनरी, इमारतें और अन्य बुनियादी ढांचा शामिल हैं, में जनवरी से नवंबर के बीच 2.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट जनवरी से अक्टूबर के दौरान दर्ज 1.7 प्रतिशत की कमी से अधिक है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अधिकारी फू लिंगहुई ने बीजिंग में एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि फिक्स्ड एसेट निवेश में आई इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण रियल एस्टेट सेक्टर में लगातार कमजोर निवेश है। 15 दिसंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर के दौरान रियल एस्टेट निवेश 15.9 प्रतिशत घट गया, जो पहले दस महीनों में दर्ज 14.7 प्रतिशत की गिरावट से भी अधिक है।
प्रॉपर्टी सेक्टर 2021 के मध्य से लगातार संकट में
कभी चीन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 25 प्रतिशत का योगदान देने वाला प्रॉपर्टी सेक्टर 2021 के मध्य से लगातार संकट में है। इससे घरेलू संपत्ति में कमी आई है और उपभोक्ता खर्च पर भी गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। नवंबर में यह संकट और गहराया, जब देश के 70 प्रमुख शहरों में मकानों की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। साथ ही, जनवरी से नवंबर के बीच नए घरों की बिक्री (मूल्य के आधार पर) 11.2 प्रतिशत घट गई, जो जनवरी से अक्टूबर के दौरान दर्ज 9.4 प्रतिशत की गिरावट से अधिक है।






































