Friday, December 19, 2025
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बंगाल में मुसलमानों के हीरो बने हुमायूं कबीर? ममता के लिए खतरे की घंटी, मुर्शिदाबाद में दिखी झलक

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में टीएमसी से निलंबित नेता हुमायूं कबीर बाबरी मस्जिद निर्माण के ऐलान के बाद मुस्लिम समुदाय में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। नई पार्टी बनाने की घोषणा और भारी भीड़ जुटने से वे ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक चुनौती बनते नजर आ रहे हैं।

Reported By : Onkar Sarkar Edited By : Vineet Kumar Singh Published : Dec 19, 2025 10:35 pm IST, Updated : Dec 19, 2025 11:52 pm IST
हुमायूं कबीर ने...- India TV Hindi
Image Source : ANI/REPORTER INPUT/PTI हुमायूं कबीर ने मस्जिद निर्माण का ऐलान करके ममता बनर्जी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।

मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे हिंदू-मुस्लिम की राजनीति तेज हो गई है। इसका मुख्य केंद्र मुर्शिदाबाद जिला बना हुआ है। यहां तृणमूल कांग्रेस से निलंबित नेता हुमायूं कबीर मुसलमानों के बीच हीरो बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा इलाके में एक नई बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान किया है, जो अब राजनीतिक तूफान खड़ा कर रहा है। इस कदम से ममता बनर्जी की टीएमसी के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं, क्योंकि हुमायूं कबीर अब अपनी नई पार्टी बनाकर सीधा मुकाबला करने का दावा कर रहे हैं।

बाबरी मस्जिद का ऐलान और शिलान्यास

हुमायूं कबीर ने बेलडांगा में बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर को मस्जिद की नींव रखी गई थी। अब हर जुमे को उस खेत में नमाज के लिए हजारों लोग इकट्ठा हो रहे हैं, जहां मस्जिद बननी है। आज भी बड़ी संख्या में लोग नमाज पढ़ने पहुंचे। हुमायूं कबीर ने दावा किया कि आज बंगाल के अलावा असम, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोग भी उन्हें सपोर्ट देने आए हैं। उन्होंने कहा, 'आज बंगाल के अलावा असम, बिहार, झारखंड, यूपी और मध्य प्रदेश के लोग भी मुझे सपोर्ट देने पहुंचे हैं।'

'अब मुसलमान ममता के बहकावे में नहीं आएंगे'

हुमायूं कबीर ने जुमे की नमाज से पहले ऐलान किया कि वे 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी का गठन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मुकाबला न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी से होगा, बल्कि ममता बनर्जी की टीएमसी से भी होगा। हुमायूं कबीर ने मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहा, 'अब मुसलमान ममता के बहकावे में नहीं आएंगे। क्योंकि मुसलमान समझ गए कि ममता सिर्फ उनका वोट लेती हैं, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करती है।' हुमायूं कबीर जो मैसेज मुसलमानों को देना चाह रहे हैं, वो जमीन पर पहुंच रहा है। इसी वजह से आज बेलडांगा में इतने लोग पहुंचे कि जगह कम पड़ गई। दो-दो शिफ्ट में नमाज अदा करनी पड़ी।

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Image Source : REPORTER INPUT
मुर्शिदाबाद में मस्जिद निर्माण की जगह पर भारी भीड़ जुट रही है।

'ममता बनर्जी तो बंगाल में राम मंदिर बनवा रहीं'

बेलडांगा पहुंचे लोगों ने कहा कि 1992 में जो जख्म मुसलमानों के दिलों पर लगा था, हुमायूं कबीर उस जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश कर रहे हैं। नमाज पढ़ने आए लोगों ने कहा, 'ममता बनर्जी तो बंगाल में राम मंदिर बनवा रही हैं। हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद बनवाने की हिम्मत दिखाई है। इसलिए अब चुनाव में हुमायूं कबीर का ही साथ देंगे।' हुमायूं कबीर का दावा है कि मुर्शिदाबाद में बनने वाली बाबरी मस्जिद की डिजाइन हूबहू वैसी ही होगी, जैसी अयोध्या में थी। लेकिन नई मस्जिद ज्यादा बड़ी और भव्य होगी। अयोध्या में बाबरी ढांचा 65 फुट ऊंचा था, लेकिन हुमायूं कबीर बेलडांगा में इससे ऊंची मस्जिद बनाना चाहते हैं। हुमायूं कबीर का कहना है कि मुर्शिदाबाद की बाबरी मस्जिद में 25 हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ सकेंगे। 

मस्जिद के लिए बत्तख और मुर्गे भी ला रहे लोग

इतनी बड़ी मस्जिद बनाने के लिए 300 करोड़ रुपये चाहिए, जो चंदे के जरिए इकट्ठा किया जाएगा। बेलडांगा में जगह-जगह डोनेशन बॉक्स लगाए गए हैं। अब तक 5 करोड़ रुपये कैश और दो करोड़ का मैटेरियल इकट्ठा हो गया है। जो लोग भी बेलडांगा पहुंच रहे हैं, उनसे अपने साथ कम से कम एक ईंट लाने को कहा गया है। इसी वजह से आज जो लोग नमाज पढ़ने पहुंचे, उनमें से ज्यादातर ईंटें लेकर आए थे। मस्जिद के लिए हर तरह से चंदा वसूला जा रहा है। जो कैश दे सकता है, उससे कैश लिया जा रहा है। जो ईंट, सीमेंट या सरिया दे सकता है, उससे वो लिया जा रहा है। जो लोग कैश नहीं दे सकते, वो मुर्गे या बत्तख लेकर आ रहे हैं। दान में मिली मुर्गियों और बत्तखों की बोली लगाकर नमाज पढ़ने आए लोगों को बेचा जा रहा है, और इससे जो पैसा मिलेगा, उसे मस्जिद के चंदे में जमा किया जाएगा।

बाबरी बनने से पहले ही लोगों ने जमाया बिजनेस

मजे की बात ये है कि हुमायूं कबीर तो बाबरी मस्जिद के नाम पर चंदा वसूली कर रहे हैं, लेकिन मौके का फायदा दूसरे लोग भी उठा रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोग नमाज पढ़ने पहुंचे, तो कुछ लोगों ने अपनी दुकान लगा ली। कोई टीशर्ट बेचने लगा, जिस पर बाबरी मस्जिद की तस्वीर छपी थी। किसी ने बाबरी मस्जिद के डिजाइन वाली फोटो की दुकान लगा ली। जहां नमाज हुई, उसके आसपास खाने के स्टॉल और छोटी-छोटी रेहड़ियां लग गई हैं। बाबरी मस्जिद की तस्वीर वाली टीशर्ट्स 150 रुपये में बेची जा रही हैं। इस टीशर्ट में बाबरी मस्जिद की फोटो के साथ हुमायूं कबीर का नाम भी लिखा गया है। सामान बेचने वालों ने कहा, 'अभी तो मस्जिद बनी नहीं, तब इतना फायदा हो रहा है। जब मस्जिद बन जाएगी, तो मुर्शिदाबाद के लोगों के पास न काम की कमी होगी, न पैसे की।'

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Image Source : PTI
ममता बनर्जी के लिए हुमायूं कबीर मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।

ममता के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं हुमायूं कबीर

बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों के लोग भी आज मुर्शिदाबाद पहुंचे थे। झारखंड से आए कुछ नौजवानों ने कहा कि उनका जन्म तो 1992 के बाद हुआ है। उन्होंने बाबरी मस्जिद के बारे में सिर्फ सुना है, इसलिए अब वो यहां आकर देखना चाहते थे कि बाबरी मस्जिद कैसी थी, और अब नई मस्जिद कैसी बनेगी। 'बाबरी' मस्जिद बनाने के बहाने हुमायूं कबीर मुर्शिदाबाद में मुसलमानों के बड़े नेता बन गए हैं। उनके पास भीड़ भी है और करोड़ों रुपये भी आ गए हैं। हुमायूं कबीर ममता बनर्जी के लिए चिंता का सबब बन गए हैं। शुरुआती दौर में टीएमसी के नेताओं ने हुमायूं कबीर को बदनाम करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें बीजेपी ने ममता के खिलाफ खड़ा किया है। लेकिन जाहिर है, ऐसी बातों का किसी ने यकीन नहीं किया। अब हुमायूं कबीर अपनी पार्टी बनाकर ममता को चैलेंज करना चाहते हैं। यह घटना बंगाल की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है।

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