Paush Purnima 2026: पौष पूर्णिमा साल 2026 में 3 जनवरी को है। हालांकि पौष पूर्णिमा का व्रत 2 जनवरी को रखा जाएगा और स्नान-दान की पूर्णिमा 3 जनवरी को मनाई जाएगी। पौष पूर्णिमा के दिन से ही प्रयागराज में माघ मेले की शुरुआत होगी। पौष पूर्णिमा तिथि अत्यंत पवित्र मानी जाती है इसलिए इस दिन व्रत रखा जाता है, माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और पवित्र नदियों में भक्त स्नान करते हैं। इसके साथ ही पौष पूर्णिमा के दिन कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिन्हें करने से आपको बचना चाहिए वरना माता लक्ष्मी आपसे रूठ सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
पौष पूर्णिमा पर न करें ये गलतियां
सूर्योदय के बाद भी सोना- पौष पूर्णिमा के दिन आपको सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए। इस दिन सूर्योदय के बाद तक सोए रहना से आपकी किस्मत रूठ सकती है और माता लक्ष्मी के साथ ही सूर्य देव की कृपा से भी आप वंचित रह सकते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा-ध्यान करने से शुभ फल आपको मिलते हैं।
परिवार के लोगों के साथ लड़ाई-झगड़ा करना- पौष पूर्णिमा के दिन आपको गलती से भी लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए। इस दिन वाणी पर नियंत्रण रखें और वार्तालाप करते समय शब्दों का इस्तेमाल सोच-समझकर करें। अगर आपके घर में कलह कलेश पौष पूर्णिमा के दिन होते हैं तो माता लक्ष्मी आपके घर से दूर चली जाती हैं और आपको साल भर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
तामसिक भोजन करने से बचें- पौष पूर्णिमा के दिन आपको गलती से भी तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए और साथ ही मदिरा का सेवन करने से भी बचना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन करने से आपके जीवन में परेशानियां पैदा हो सकती हैं। साथ ही करियर के क्षेत्र में भी आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचें- पूर्णिमा तिथि के दिन आपको तुलसी के पत्ते भी गलती से नहीं तोड़ने चाहिए। इससे माता लक्ष्मी के साथ ही देवी तुलसी भी रुष्ट हो जाती हैं। पूर्णिमा की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो पूर्णिमा तिथि से पूर्व ही पत्ते आपको तोड़ लेने चाहिए।
कर्ज का लेन-देन करने से बचें- पौष पूर्णिमा के दिन आपको उधार ना ही देना चाहिए और ना ही किसी से लेना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। इस दिन धन का दान करने से आपको लाभ होता है। वहीं उधार का लेन-देन करने से माता लक्ष्मी आपसे रूठ सकती हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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