नई दिल्ली: बांग्लादेश के कुछ छुटभैये नेताओं की तरफ से अक्सर भारत के 'चिकन नेक कॉरिडोर' को लेकर बयानबाजी की जाती है। कई बार तो वो इसे लेकर धमकियां भी देते हैं। लेकिन एक सच्चाई ये भी है भारत में तो सिर्फ एक चिकन नेक कॉरिडोर है और बांग्लादेश में ये दो-दो हैं, जो और ज्यादा संवेदनशील हैं। इसकी याद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने पोस्ट में मैप शेयर करके दिलाई। उनका मैसेज साफ था कि बांग्लादेश में 2 बेहद नाज़ुक 'चिकन नेक कॉरिडोर' हैं, और इन्हें भूलना बांग्लादेशियों के लिए किसी भी लिहाज से समझदारी नहीं है।
बांग्लादेश का पहला चिकन नेक कहां है?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था, 'जो लोग अक्सर भारत के चिकन नेक कॉरिडोर को लेकर धमकियां देते रहते हैं, उन्हें इन फैक्ट्स पर भी ध्यान देना चाहिए कि बांग्लादेश में भी 2 चिकन नेक कॉरिडोर हैं, और ये भारत की तुलना में कहीं अधिक संवेदनशील हैं। पहला है 80 किलोमीटर का नॉर्थ बांग्लादेश कॉरिडोर, जो साउथ दिनाजपुर से साउथ वेस्ट गारो हिल्स तक है। यदि यहां किसी प्रकार का व्यवधान होता है, तो पूरा रंगपुर डिवीजन बांग्लादेश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट सकता है।'
बांग्लादेश के दूसरे चिकन नेक की लोकेशन
अपने पोस्ट में उन्होंने आगे कहा, 'दूसरा है 28 किलोमीटर का चटगांव कॉरिडोर, जो दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक लंबा है। भारत के चिकन नेक से भी यह कॉरिडोर छोटा है और यही बांग्लादेश की इकोनॉमिक कैपिटल और राजनीतिक राजधानी को जोड़ने वाला इकलौता लिंक है। मैं यहां सिर्फ वे भौगोलिक तथ्य बता रहा हूं, जिन्हें कुछ लोग अक्सर भूल जाते हैं। जिस प्रकार से भारत का सिलिगुड़ी कॉरिडोर है, उसी तरह हमारे पड़ोसी देश में भी 2 संकरे और बेहद अहम कॉरिडोर हैं।'
पड़ोसी मुल्क के हित में नहीं गैर-जिम्मेदाराना बयान
इससे साफ है कि भौगोलिक परिस्थितियों को इग्नोर करके दिए गए बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना हैं, बल्कि खुद बांग्लादेश के हित में नहीं हैं। बांग्लादेश 2 ऐसे संवेदनशील और संकरे कॉरिडोरों पर डिपेंड है, जिनमें जरा-सी अस्थिरता पूरे मुल्क की कनेक्टिविटी को प्रभावित कर सकती है।
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