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दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का बाइडन का सपना हो सकता है खंड-खंड, जानें क्या है मेन वजह

जो बाइडन का दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सदस्य बाइडन की दावेदारी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। दरअसल कुछ डेमक्रेट इस पक्ष में नहीं हैं कि जो बाइडन दोबारा चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी करें। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उनकी बढ़ती हुई उम्र है।

जो बाइडन, अमेरिका के राष्ट्रपति- India TV Hindi Image Source : PTI जो बाइडन, अमेरिका के राष्ट्रपति

नई दिल्लीः जो बाइडन का दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सदस्य बाइडन की दावेदारी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। दरअसल कुछ डेमक्रेट इस पक्ष में नहीं हैं कि जो बाइडन दोबारा चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी करें। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उनकी बढ़ती हुई उम्र है। डेमोक्रेटिक सदस्यों के विरोध के चलते अब 2024 के लिए बाइडन की राह मुश्किल में पड़ती दिख रही है।

पार्टी के सदस्यों के विरोध के चलते कहा जा सकता है कि जो बाइडन के लिए 2024 में राष्ट्रपति पद की पुन: उम्मीदवारी की राह आसान नहीं होगी, क्योंकि पिछली बार उनका साथ देने वाले कुछ नेताओं समेत डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सदस्य उनकी दावेदारी के पक्ष में इस बार नहीं हैं। बाइडन ने 2019 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए जब न्यू हैम्पशायर स्टेट हाउस में नामांकन पत्र भरा था, तो स्टीव शर्टलेफ उनके साथ खड़े थे। हालांकि इस बार ज्यादातर डेमोक्रेट नेताओं की तरह शर्टलेफ को भी लगता है कि उनके लिए एक कार्यकाल काफी है।

60 फीसदी से अधिक डेमोक्रेट जो बाइडन की दावेदारी के खिलाफ
न्यू हैम्पशायर में डेमोक्रेट नेता राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए होने वाले प्राइमरी चुनाव को आयोजित करने वाले पहले राज्य के तौर पर उसका दर्जा खत्म करने की कोशिश से नाराज हैं, लेकिन बाइडन की उम्मीदवारी को लेकर उनकी चिंता ज्यादा गहरी है और उन्होंने 80 वर्षीय राष्ट्रपति के दोबारा चुनाव लड़ने की योजना पर सवाल उठाए हैं। पिछले महीने जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, देशभर में केवल 37 प्रतिशत डेमोक्रेट चाहते हैं कि राष्ट्रपति बाइडन दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ें। जबकि 63 फीसदी डेमोक्रेट इस पक्ष में नहीं हैं। लोगों को बाइडन की उम्र को लेकर चिंता है, जबकि शर्टलेफ जैसे अन्य नेता अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के तरीके को लेकर नाराज हैं। वहीं कुछ सदस्य दूसरी वजहों से नाराज हैं। ऐसे में बाइडन के दोबारा राष्ट्रपति बनने का सपना खंड-खंड हो सकता है।

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