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प्रेग्नेंसी में कोरोना का खतरा अधिक, स्वामी रामदेव से जानें जच्चा-बच्चा हेल्दी रखने के लिए 9 माह का योग प्लान

प्रेग्नेंट महिलाओं में कोरोना काल में एंजाइटी का शिकार हो रही है। जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में स्वामी रामदेव से जानिए मां और बच्चे को कैसे रखें हेल्दी।

 प्रेग्नेंट महिलाओं में कोरोना का खतरा अधिक, स्वामी रामदेव से जानें जच्चा-बच्चा हेल्दी रखने के लिए 9- India TV Hindi Image Source : FREEPIK   प्रेग्नेंट महिलाओं में कोरोना का खतरा अधिक, स्वामी रामदेव से जानें जच्चा-बच्चा हेल्दी रखने के लिए 9 माह का योग प्लान

कोरोना काल में प्रेग्नेंसी के पूरे सफर को खतरनाक बना दिया है। मां को खुद का ख्याल रखने के साथ-साथ बच्चों को खास ख्याल रखने की जरूरत है। एक रिसर्च के अनुसार प्रेग्नेंसी में कोरोना का खतरा  3 गुना बढ़ गया है। इसके साथ ही रेगुलर चेकअप के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ रहा है। कोरोना सीधे प्रेग्नेंट महिला के यूट्रस के फ्लूट को कम कर देता है। जिससे  बच्चे कोरोना से संक्रमित हो जाते है। इसका मुख्य कारण है लो इम्यूनिटी। 

प्रेग्नेंट महिलाओं में कोरोना काल में एंजाइटी का शिकार हो रही है। जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में स्वामी रामदेव से जानिए मां और बच्चे को कैसे रखें हेल्दी।  प्रेग्नेंसी के समय सर्वांगासन, शीर्षासन, हलासन करने से बचे। अगर आप कर रहे हैं तो ट्रेनर की सलाह जरूर लें। 

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प्रेग्नेंट महिलाएं करें ये योगासन

ताड़ासन

  • शरीर को लचीला बनाता है। 
  • थकान, तनाव और चिंता दूर करता है। 
  • पाचन को ठीक रखता है।

तिर्यक ताड़ासन

  • रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है। 
  • कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
  • वजन घटाने में मदद मिलती है। 
  • मन को शांत रखने में सहायक है। 
  • लंग्स को मजबूत बनाता है।

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उष्ट्रासन

  • किडनी को स्वस्थ बनाता है
  • मोटापा दूर करने में सहायक
  • शरीर का पोश्चर सुधरता है
  • पाचन प्रणाली को ठीक होती है
  • टखने के दर्द को दूर भगाता है
  • कंधों और पीठ को मजबूत करता है
  • पीठ दर्द में बेहद लाभकारी 
  • फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार

तितली आसन

  • कब्ज की समस्या दूर होती है
  • गैस से छुटकारा मिलता है
  • पाचन की परेशानी दूर होती है
  • बवासीर में भी लाभ होता है
  • छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
  • पेट की चर्बी कम होता है

मकरासन

  • हाइट बढ़ाने में करे मदद
  • वजन कम करने में मददगार
  • कमर दर्द से दिलाए राहत
  • जोड़ों के दर्द में लाभकारी
  • एसिडिटी से दिलाए राहत

भुजंगासन

  • किडनी को स्वस्थ बनाता है
  • लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है 
  • तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
  • कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
  • फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  • छाती चौड़ी होती है

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उत्तानपादासन

  • डायबिटीज कंट्रोल होती है।
  • एसिडिटी ठीक होती है। 
  • कमर दर्द में आराम मिलता है। 
  • हार्ट को मजबूत बनाता है। 
  • वजन कम करने में मददगार है। 
  • पैरों की मसल्स मजबूत होती है।
  • पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं। 

सूर्य नमस्कार 

  •  डिप्रेशन दूर करता है। 
  • एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है।
  • वजन घटाने में मददगार है।
  • शरीर को डिटॉक्स करता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • पाचन तंत्र बेहतर होता है।
  • शरीर को ऊर्जा मिलती है।
  • फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। 

 
सूक्ष्म व्यायाम 

  • शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। 
  • ऊर्जा का संचार करता है।
  • बॉडी को एक्टिव करता है। 
  • शरीर में थकान नहीं होती है।
  • कई तरह के दर्द से राहत।

गोमुखासन

  • फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
  • पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  • शरीर को लचकदार बनाता है
  • सीने को चौड़ा करने में सहायक
  • शरीर के पोश्चर को सुधारता है
  • थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
  • दृढ़ इच्छाशक्ति का विकास करता है

 मर्कटासन

  • रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है।
  • पीठ का दर्द दूर करता है।
  • फेफड़ों के लिए फायदेमंद है।
  • पेट संबंधी समस्याओं को दूर करता है।
  • एकाग्रता बढ़ती है।
प्रेग्नेंट महिलाएं करें ये प्राणायाम
  • अनुलोम विलोम
  • भ्रामरी
  • उद्गीथ
  • शीतली
  • शीतकारी
  • प्रेग्नेंसी के समय कपालभाति बिल्कुल भी न करें।
प्रेग्नेंसी में अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय
  • शतावर चूर्ण का सेवन करे।
  • दशमूलारिष्ट पिएं।
  • शिवलिंगी पुत्र जीवक का सेवन करे। 
  • आंवला, एलोवेरा और गिलोय का जूस पीना चाहिए। 
  • कोलजन ठीक करने के लिए एक चम्मच अलसी का बीज, तिल और गाजर का जूस पिएं।
  • हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए एक चम्मच अलसी का बीज खाएं।
  • इम्यूनिटी के लिए शतावर चूर्ण पिएं। इसके अलावा गिलोय, अश्वगंधा और तुलसी का काढा ठंडा करके पिएं।
  • अनार, गाजर और चुकंदर का सेवन करे।
  • अपामार्ग की जड़ को नाभि में 9 माह के बाद लगा दें। इससे नॉर्मल डिलीवरी होगी। 
  • शरीर में सूजन आने पर पूननर्वा का काढ़ा पिएं। 
  • प्रेग्नेंसी के समय ब्लीडिंग होने लगे तो शीशम के पत्तों का रस पिएं। 
  • बुखार आने पर गिलोय का सेवन करे। 
  • पेट संबंधी समस्या के लिए आंवला, एलोवेरा, व्हीटग्रास का सेवन करे। 
  • बादाम, अखरोट को रात में भिगोकर सुबह पीसकर दूध या पानी के साथ पी लें। 
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