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RBI ने कंपनियों को दी बड़ी राहत, कोविड ऋण पुनर्गठन योजना के तहत अनुपालन की समय-सीमा अक्‍टूबर तक बढ़ाई

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि व्यक्तिगत आवास और वाणिज्यिक अचल संपत्ति क्षेत्र में ऋण दरों में उल्लेखनीय कमी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी है, क्योंकि यह क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार देता है।

 RBI gives relief to corporate sector, defers target date to Oct 1, 2022 for debt recast scheme- India TV Paisa Image Source : RBI  RBI gives relief to corporate sector, defers target date to Oct 1, 2022 for debt recast scheme

नई दिल्‍ली। दबाव से जूझ रहे कॉरपोरेट सेक्‍टर को राहत देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को पिछले साल घोषित कोविड-19 ऋण पुनर्गठन योजना के तहत केवी कामथ कमेटी द्वारा सुझाई गई कुछ परिचालन सीमाओं को हासिल करने की समयसीमा को छह महीने बढ़ाकर एक अक्टूबर, 2022 कर दिया है। कामथ समिति ने चार सितंबर, 2020 को ‘कोविड-19 से संबंधित दबाव के लिए समाधान रूपरेखा’ में कुछ वित्तीय मानदंडों को शामिल करने की सिफारिश की थी। इसके अलावा इन मानकों के लिए क्षेत्र आधारित बेंचमार्क की भी सिफारिश की गई थी।

समिति ने 26 क्षेत्रों के लिए वित्तीय अनुपात तय किया था, जिसे वित्त प्रदान करने वाले संस्थानों को कर्जदाता के लिए समाधान योजना को अंतिम रूप देते समय शामिल करना था। वित्तीय पहलू में पहुंच, तरलता और ऋण को चुकाने की क्षमता शामिल है। कोविड-19 से संबंधित समाधान रूपरेखा के क्रियान्यन की योजना के तहत विभिन्न वित्तीय मानदंडों पर क्षेत्र विशेष की निर्धारित सीमा को पूरा किया जाना है। इसकी घोषणा छह अगस्त, 2020 को हुई थी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि इन मानदंड में, चार कर्ज लेने वाली इकाइयों के परिचालन प्रदर्शन से संबंधित हैं। ये हैं कुल ऋण से ईबीआईडीटीए अनुपात, चालू अनुपात, कर्ज चुकाने के कवरेज का अनुपात और ऋण अदायगी कवरेज का औसत अनुपात। इन अनुपात को 31 मार्च, 2022 तक पूरा किया जाना था। दास ने कहा कि कारोबार क्षेत्र पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर इन चार मानदंडों की लक्षित तिथि को बढ़ाकर एक अक्टूबर, 2022 किया जा रहा है।  

आवास ऋण पर ब्याज दर में कटौती अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि व्यक्तिगत आवास और वाणिज्यिक अचल संपत्ति क्षेत्र में ऋण दरों में उल्लेखनीय कमी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी है, क्योंकि यह क्षेत्र बड़ी संख्या में रोजगार देता है। उन्होंने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि ब्याज दरों के संचरण में सुधार हुआ है यानी इसका फायदा आगे कर्जदारों को मिल रहा है। दास ने कहा कि आरबीआई के मौद्रिक नीति उपायों और कार्रवाई का असर संचरण में उल्लेखनीय सुधार के रूप में परिलक्षित हो रहा है। फरवरी, 2019 से रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की कमी के चलते ताजा रुपये के ऋण पर भारित औसत उधारी दर (डब्ल्यूएएलआर) में 2.17 प्रतिशत की कुल गिरावट आई है।

गवर्नर ने यह भी कहा कि कर्ज दरों में कमी से आम लोगों पर बोझ कम हुआ है। उन्होंने कहा, कि कॉरपोरेट बॉन्ड, ऋणपत्र, सीपी, सीडी और टी-बिल जैसे बाजार के उपकरणों पर ब्याज दरों सहित घरेलू उधारी लागत कम हो गई है। उन्होंने कहा कि ऋण बाजार में एमएसएमई, आवास और बड़े उद्योगों के लिए कर्ज दरों में संचरण मजबूत रहा है। कम ब्याज दर व्यवस्था ने घरेलू क्षेत्र के लिए कर्जे के बोझ को कम करने में भी मदद की है।

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