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Hindi News धर्म चाणक्य नीति Chanakya Niti: इन चीज़ों की बदौलत इंसान की गृहस्थी हो जाती है खुशहाल, दुख तकलीफ हो जाता है छूमंतर

Chanakya Niti: इन चीज़ों की बदौलत इंसान की गृहस्थी हो जाती है खुशहाल, दुख तकलीफ हो जाता है छूमंतर

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने सुखी जीवन के कई मंत्र बताए हैं। चाणक्य कहते हैं जीवन का सबसे बड़ा सुख इन चीजों में छिपा है

Chanakya Niti- India TV Hindi Image Source : IINDIA TV Chanakya Niti

Chanakya Niti: मनुष्य की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी है। दुख है तो एक समय के बाद खुशियों का आगमन भी होगा, आचार्य चाणक्य ने सुखी जीवन के कई मंत्र बताए हैं। चाणक्य ने अपने विचार श्लोक के जरिए लोगों से साझा किए हैं। बेहतर और सुखी जीवन के लिए चाणक्य के विचार बहुत अमूल्य है। चाणक्य कहते हैं जीवन का सबसे बड़ा सुख चार चीजों में छिपा है, इन्हें जिसने अपना लिया उसका घर स्वर्ग के समान बन जाता है। आइए जानते हैं कौन से है सुखी जीवन के चार रहस्य।

शांत दिमाग

चाणक्य कहते हैं कि कितनी ही बड़ी समस्या क्यों न हो, शांति हर परेशानी का हल है। आचार्य चाणक्य कहते हैं शांति से बड़ा कोई तप नहीं होता। आजकल लोगों के बाद सभी सुख होने के बावजूद उन्हें मन की शांति नहीं मिलती है। जिनका मन अशांत होता है वो तमाम सुविधाएं होने के बाद भी कभी खुश नहीं रह पाता। इसलिए इंसान का दिमाग हमेशा शांत होना चाहिए। अगर आपका दिमाग शांत है तो आप कठिन से कठिन फैसला आसानी से ले सकते हैं और अपने साथी को भी बेहतरीन तरीके से समझते हैं।

संतुष्ट होना

चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य जीवन में संतुष्टि उसका सबसे बड़ा धन होती है। सफलता का आकलन हमेशा दूसरे ही करते हैं जबकि संतुष्टि स्वयं के मन और मस्तिष्क से महसूस की जाती है। 

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लालच का त्याग

लालच न करें, जो मिला है उसकी इज़्ज़त करें। वरना खुशहाल गृहस्थी में भी आग लग जाती है। चाणक्य कहते हैं कि तृष्णा उस बीमारी की तरह है जिसका समय पर इलाज नहीं किया तो जीवनभर परेशान होना पड़ेगा। किसी भी चीज को पाने की लालसा व्यक्ति को गलत मार्ग पर ले जाती है, जिससे सारा सुख-चैन छिन जाता है। लालच में व्यक्ति के सोचने की क्षमता क्षीण हो जाती है। इस पर जिसने काबू पा लिया उसका जीवन स्वर्ग से बढ़कर है।

दया की भावना 

दया की भावना मनुष्य को कुशल बनाती है। दया का भाव इंसान को अनिष्ट करने से रोकता है। ऐसे व्यक्ति पाप के भागी नहीं बनते है, उनके मन में अवगुण की भावना उत्पन्न नहीं होती।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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