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Hindi News विदेश एशिया दोस्‍त बनेंगे दो कट्टर दुश्‍मन देश? विदेश मंत्री का बयान-ईरान सऊदी अरब के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए तैयार

दोस्‍त बनेंगे दो कट्टर दुश्‍मन देश? विदेश मंत्री का बयान-ईरान सऊदी अरब के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए तैयार

दुनिया के दो कट्टर दुश्मन देश सऊदी अरब और ईरान अपनी दुश्मनी को भुलकर दोस्ती का हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने बुधवार को कहा कि उनका देश करीबी प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए तैयार है।

FM says Iran ready for closer ties with rival Saudi Arabia- India TV Hindi Image Source : FILE दुनिया के दो कट्टर दुश्‍मन देश सऊदी अरब और ईरान अपनी दुश्‍मनी को भुलकर दोस्ती का हाथ आगे बढ़ा रहे हैं।

दमिश्क: दुनिया के दो कट्टर दुश्‍मन देश सऊदी अरब और ईरान अपनी दुश्‍मनी को भुलकर दोस्ती का हाथ आगे बढ़ा रहे हैं। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने बुधवार को कहा कि उनका देश करीबी प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए तैयार है। जरीफ ने साथ ही उम्मीद जतायी कि हाल ही में दोनों पक्षों के बीच हुई वार्ता से क्षेत्र में स्थिरता बढ़ेगी। 

जरीफ ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद के साथ हुई बैठक के बाद दमिश्क में यह बात कही। सोमवार को ईरान के विदेश मंत्रालय ने इराक की मध्यस्थ्ता में बगदाद में इस महीने की शुरुआत में हुई वार्ता की पुष्टि की थी। ईराक के राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह कहा था कि बातचीत एक से अधिक बार हुई है और उन्होंने जारी वार्ता को महत्वपूर्ण एवं सार्थक करार दिया। 

जरीफ ने कहा, उन्हें आशा है कि वार्ता के जरिए दोनों प्रतिद्वंद्वी के बीच सहयोग में इजाफा होगा और इससे क्षेत्र में अधिक स्थिरता एवं शांति आएगी। जरीफ ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में संवाददाताओं से कहा, '' हम निश्चित रूप से तैयार हैं और हमेशा ही सऊदी अरब के साथ करीबी संबंधों के लिए तैयार रहे हैं।''

बता दें कि सऊदी अरब यमन में बुरी तरह से फंसा हुआ है और यहां उसे ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों से जूझना पड़ रहा है। ये हूती विद्रोही सऊदी अरब के तेल ठिकानों और शहरों पर अक्‍सर हवाई हमले करते रहते हैं। इस साल हूती विद्रोहियों ने दर्जनों मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं जिससे सऊदी अरब को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। माना जा रहा है कि सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्‍मद बिन सलमान ने बाइडेन प्रशासन से समर्थन हासिल करने के लिए यह कदम उठाया है।

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