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भारतीय विमान को पाकिस्तान ने नहीं दिया रास्ता, राहत सामग्री लेकर तुर्की जा रहा था एयरक्राफ्ट

वहीं तुर्की ने भारत की मदद की तारीफ की है और भारत को सच्चा दोस्त बताया है। भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत सरकार की ओर से इस मदद के लिए धन्यवाद दिया है।

भारतीय वायुसेना का विमान- India TV Hindi Image Source : PTI भारतीय वायुसेना का विमान

भूकंप की मार झेल रहे तुर्की में राहत सामग्री ले जा रहे भारतीय विमान को पाकिस्तान ने एयरस्पेस नहीं दिया जिसके चलते उसे कई चक्कर लगाकर दूसरे रूट से तुर्की में उतरना पड़ा। पाकिस्तान की इस हरकत से दुनिया भर में उसकी छवि और धूमिल हुई है। वहीं तुर्की ने भारत की मदद की तारीफ की है और भारत को सच्चा दोस्त बताया है। भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत सरकार की ओर से इस मदद के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि ज़रूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है।

फिरत सुनेल ने ट्विटर पर लिखा 'दोस्त तुर्की और हिंदी में एक आम शब्द है… हमारे पास एक तुर्की कहावत है: ज़रूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।' इससे पहले सोमवार को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री (MoS) वी मुरलीधरन ने तुर्की के दूतावास का दौरा किया और शोक व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहानुभूति से भी अवगत कराया।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से एक मीटिंग के बाद यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ, मेडिकल टीम, और बचाव टीमों को तुरंत तुर्की  भेजा जाएगा। पीएमओ ने एक बयान में कहा, एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों को राहत और बचाव के लिए तुर्की भेजा जा रहा है।

बता दें कि एनडीआरएफ की टीम भीषण भूकंप से प्रभावित तुर्की की राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करने के लिए मंगलवार को तुर्की पहुंच गई है।  तुर्की में आए 7. 8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से 4500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। दिल्ली के पास स्थित गाजियाबाद और कोलकाता से दो दलों के कुल 101 कर्मियों को उपकरणों के साथ भारतीय वायु सेना के जी-17 विमान में तुर्की के लिए रवाना किया गया। यह भूकंप प्रभावित तुर्की और पड़ोसी क्षेत्रों के लिए सोमवार को भारत सरकार द्वारा घोषित मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) प्रयासों का हिस्सा है।ये दल मलबे में फंसे लोगों को बचाने में मदद करेंगे और स्थानीय अधिकारियों को हर संभव सहायता मुहैया कराएंगे। 

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