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Hindi News विदेश एशिया रमजान के महीने में पाकिस्तानी पायलट्स ने सरकार को दी बड़ी चेतावनी, IMF रिपोर्ट ने भी बढ़ाई मुश्किलें, GDP दर घटकर हुई 0.5 फीसदी

रमजान के महीने में पाकिस्तानी पायलट्स ने सरकार को दी बड़ी चेतावनी, IMF रिपोर्ट ने भी बढ़ाई मुश्किलें, GDP दर घटकर हुई 0.5 फीसदी

पीआईए के कर्मचारियों की मांग है कि रमजान के महीने में सरकार उनका वेतन नहीं रोके, इसके अलावा पीआईए पायलट विमान नहीं उड़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। इस बीच दुनिया भर से मदद मांग कर देश चलाने को मजबूर शहबाज सरकार के सामने IMF की नई रिपोर्ट ने बड़ी चुनौती ला दी है।

पाकिस्तानी पायलट्स ने सरकार को दी चेतावनी- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पाकिस्तानी पायलट्स ने सरकार को दी चेतावनी

पाकिस्तान की स्थिति दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था लगातार सरकार की चिंता बढ़ा रही है । एक तरफ जहां IMF की नई रिपोर्ट में पाकिस्तान की GDP 2 फीसदी से घटकर 0.5% हो गई है, वहीं सैलरी नहीं मिलने की वजह से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन के पायलट निराश हैं और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं। पायलट्स का कहना है कि उन्हें रमजान के महीने में भी सैलरी नहीं मिल पा रही है, ऐसी स्थिति में पायलट बायकॉट करने क पर विचार कर रहे हैं। बता दें, इससे पहले पाकिस्तानी संसद की उड्डयन मामलों की स्थायी समिति को सूचित किया था कि बड़ी संख्या में पायलट हाल ही में देश छोड़कर चले गए हैं। दिवालिया हो चुकी सरकारी एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के सीईओ आमिर हयात ने बताया था कि हाल ही में 15 पायलट देश छोड़कर जा चुके हैं। 

शहबाज सरकार के सामने बड़ी चुनौती

पायलट निराश हैं क्योंकि उन्हें रमजान के पवित्र महीने भी उनका लंबित वेतन नहीं मिल पा रहा है। पीआईए के कर्मचारियों की मांग है कि रमजान के महीने में सरकार उनका वेतन नहीं रोके, इसके अलावा पीआईए पायलट विमान नहीं उड़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। इस बीच दुनिया भर से मदद मांग कर देश चलाने को मजबूर शहबाज सरकार के सामने IMF की नई रिपोर्ट ने बड़ी चुनौती ला दी है।   

2% से भी घटी GDP

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए पाकिस्तान के चालू वर्ष के विकास के अनुमान को 2 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने अपनी नई विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान की जीडीपी वित्त वर्ष 24 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो वित्त वर्ष 22 में 6 प्रतिशत थी।

सात फीसदी बढ़ेगी बेरोजगारी 

इसके अलावा, फंड ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति की दर के अनुमान को संशोधित कर 27.1 प्रतिशत कर दिया है, जबकि इसके पहले यह 19.9 प्रतिशत था। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 22 में उपभोक्ता कीमतें 12.1 फीसदी थीं और वित्त वर्ष 24 में इसके 21.9 फीसदी रहने का अनुमान है। इस बीच, देश में बेरोजगारी 2022 में 6.2 प्रतिशत के मुकाबले 2023 में बढ़कर सात प्रतिशत होने का अनुमान है।

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रमजान के महीने में पाकिस्तानी पायलट्स ने सरकार को दी बड़ी चेतावनी, IMF रिपोर्ट ने भी बढ़ाई मुश्किलें, GDP दर घटकर हुई 0.5 फीसदी

 

 

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