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सुधर जाओ उत्तर कोरिया! अमेरिका और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने कहा- कर देंगे शासन का खात्मा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रोज गार्ड में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘उत्तरी कोरिया द्वारा अमेरिका या उसके सहयोगियों और भागीदारों के खिलाफ किया जाने वाला परमाणु हमला अस्वीकार्य होगा और इसका परिणाम इस तरह की कार्रवाई करने वाले शासन का अंत होगा।’’

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (दांए) और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष यून सुक येओल (बांए)- India TV Hindi Image Source : AP अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (दांए) और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष यून सुक येओल (बांए)

उत्तर कोरिया की बार-बार परमाणु हमले की धमकियों के बीच अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सख्त चेतावनी सामने आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्ष यून सुक येओल ने उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे का मुकाबला करने के लिए बुधवार को एक नयी योजना का अनावरण किया। इस दौरान दोनों देशों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि परमाणु या इस तरह का कोई भी हमला करने का परिणाम उसके ‘‘शासन का अंत होगा।’’ 

"परमाणु हमले का परिणाम उसके शासन का अंत होगा"
इस दौरान उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे को रोकने के प्रयास के तहत दक्षिण कोरिया में समय-समय पर अमेरिका की परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करने, दोनों देशों के बीच प्रशिक्षण को मजबूत करने और अन्य कदम उठाने का आह्वान किया गया। बाइडन ने उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण बढ़ाए जाने के कारण पैदा हुई चिंताजनक स्थिति के बीच राजकीय यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे यून की मेजबानी की। इसी दौरान इस योजना का अनावरण किया गया। बाइडन ने रोज गार्ड में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘उत्तरी कोरिया द्वारा अमेरिका या उसके सहयोगियों और भागीदारों के खिलाफ किया जाने वाला परमाणु हमला अस्वीकार्य होगा और इसका परिणाम इस तरह की कार्रवाई करने वाले शासन का अंत होगा।’’ 

"कोरियाई प्रायद्वीप पर स्थायी शांति अपने आप नहीं आ सकती"
इसी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद यून ने कहा कि इस ‘‘उचित गठबंधन’’ के तहत जिन नयी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जाएगा, उनमें उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हमले किए जाने की स्थिति में राष्ट्रपति स्तर पर द्विपक्षीय परामर्श करने की योजना, एक परमाणु सलाहकार समूह की स्थापना और परमाणु एवं रणनीतिक हथियार संचालन योजनाओं पर जानकारी साझा करने में सुधार शामिल है। यून ने कहा, ‘‘कोरियाई प्रायद्वीप पर स्थायी शांति अपने आप नहीं आ सकती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों देशों ने उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु हमला किए जाने की स्थिति में राष्ट्रपतियों के स्तर पर द्विपक्षीय विचार-विमर्श करने और अमेरिका के परमाणु हथियारों समेत गठबंधन की पूरी ताकत का तेजी से, अप्रत्याशित तरीके से और निर्णायक तरीके से इस्तेमाल करने का संकल्प लिया।’’ 

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