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Hindi News विदेश यूरोप रूस ने यूक्रेन पर फिर बरसाए ग्लाइडिंग बम और तोप के गोले, 43 लोग घायल, इतने लोगों ने गंवाई जान

रूस ने यूक्रेन पर फिर बरसाए ग्लाइडिंग बम और तोप के गोले, 43 लोग घायल, इतने लोगों ने गंवाई जान

रूस का हमला जारी है और यूक्रेन की सेना रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रही है । इस बीच दनिप्रो में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन में स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास लड़ाई तेज हो गई है और इस क्षेत्र में युद्ध से संबंधित परमाणु दुर्घटना का खतरा और बढ़ गया है।

सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi Image Source : PTI सांकेतिक तस्वीर

Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को देश के उत्तरी हिस्से में स्थित सुमी क्षेत्र का दौरा किया। रूस के बड़े पैमाने पर आक्रमण से बेहाल देश के क्षेत्रों में हाल के दिनों में उनका दौरा जारी है और जवाबी हमले के लिये उनका देश पूरी तरह तैयार दिखता है। रूस की सीमा से लगने वाले क्षेत्र के दो शहरों में जेलेंस्की ने अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात की। एक साल पहले रूस के साथ शुरू हुई लड़ाई के बाद इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर रूसी सेना का कब्जा हो गया था । रूस ने पिछले साल अप्रैल की शुरूआत में इस इलाके को खाली कर दिया था । जेलेंस्की ने सुमी क्षेत्र के ओख्तिरका शहर का दौरा किया । इस क्षेत्र में पिछले साल यूक्रेन और रूस की सेना के बीच जबरदस्त लड़ाई देखी गयी थी, लेकिन इस पर रूसी कब्जा नहीं हो सका था। 

ड्रोन, ग्लाइडिंग बम और तोप से हमला

इसके अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति ट्रोस्टियानेट्स भी गये थे, जहां रूस की सेना ने कब्जा कर लिया था, लेकिन यूक्रेन की सेना ने 26 मार्च 2022 को इसे आजाद करा लिया । जेलेंस्की ने पिछले सात दिनों में इससे पहले खेरसॉन और खारकीव क्षेत्र का दौरा किया था। इसके कुछ हिस्से पर रूस की सेना का कब्जा हो गया था, जिसे यूक्रेन की सेना ने पिछले साल वापस ले लिया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति का दौरा लगातार जारी है और वह जपोराजिया भी गये थे । यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि रूस की ओर से मंगलवार को किये गए ताजा हमले में कम से कम तीन नागरिकों की मौत हो गयी, जबकि 43 अन्य घायल हो गये। यह हमला ड्रोन, ग्लाइडिंग बम और तोप से किया गया था ।

रूसियों ने कैदियों को प्रताड़ित किया

पूर्वी दोनेत्सक क्षेत्र में रूस की गोलाबारी ने 12 शहरों एवं गांवों को निशाना बनाया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि 34 अन्य घायल हो गये । इसके अलावा अन्य शहरों को भी निशाना बनाया गया। ओख्तिरका में जेलेंस्की ने लोगों के एक समूह को संबोधित करते हुये वादा किया कि लड़ाई से प्रभावित शहर का पुनर्निर्माण किया जायेगा । उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने देश के किसी भी हिस्से पर कोई जख्म नहीं रहने देंगे।’’ ट्रोस्टियानेट्स में स्थानीय रेलवे स्टेशन पर जेलेंस्की ने सैनिकों को सम्मानित किया, जहां अधिकारियों ने बताया कि रूसियों ने कैदियों को प्रताड़ित किया है। जेलेंस्की ने यूक्रेन के पुनर्निर्माण मंत्री अलेक्सांद्र कुब्राकोव से भी मुलाकात की । लड़ाई के कारण शहर के कई इमारत क्षतिग्रस्त अथवा ध्वस्त हो गये हैं, जिनकी दीवारें टूट गयी हैं और छतों में सुराख बन गया है।

जर्मनी ने 18 लैपर्ड टू टैंक दिया

इससे पहले जर्मनी ने सोमवार को कहा था कि इसने यूक्रेन को 18 लैपर्ड टू टैंक दिया है, जिसे देने का उसने वादा किया था। ब्रिटेन, पोलैंड, कनाडा, नार्वे ने भी टैंक भेजे हैं, जिसे देने का इन देशों ने वादा किया था । रूस का हमला जारी है और यूक्रेन की सेना रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रही है । इस बीच दनिप्रो में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन में स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास लड़ाई तेज हो गई है और इस क्षेत्र में युद्ध से संबंधित परमाणु दुर्घटना का खतरा और बढ़ गया है । 

संघर्ष बढ़ा है

आईएईए के निदेशक जनरल राफेल मरियानो ग्रोसी ने एक साक्षात्कार में कहा कि जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के इलाके में संघर्ष बढ़ा है । सक्रिय युद्ध का एक बढ़ा हुआ स्तर है। उन्होंने कहा, ‘‘वहां मेरी टीम रोजाना हमलों, भारी हथियारों की आवाजों के बारे में रिपोर्ट करती हैं। यह व्यावहारिक रूप से स्थिर है । संयंत्र का दौरा करने के लिए दूसरी बार अग्रिम क्षेत्र पार करने से एक दिन पहले ग्रोसी ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि इसकी सुरक्षा के उद्देश्य से बातचीत को तेज करना उनका कर्तव्य है ।

अत्यधिक अस्थिरता का क्षेत्र है

उन्होंने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और कहा कि आने वाले दिनों में वह संभवत: रूस जायेंगे । आईएईए प्रमुख लंबे समय से परमाणु संयंत्र के चारों ओर एक सुरक्षा क्षेत्र स्थापित करने का आह्वान करते आ रहे हैं, जो युद्ध की अग्रिम पंक्ति के बेहद करीब है। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा, ‘‘यह अत्यधिक अस्थिरता का क्षेत्र है। इसलिए चल रही सैन्य कार्रवाइयों से निश्चित रूप से बातचीत प्रभावित हो रही है।’’ 

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