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Hindi News लाइफस्टाइल फीचर PM मोदी करेंगे दुनिया की सबसे वजनी भगवद् गीता का लोकार्पण, 800 किलो वजनी इस गीता के पन्ने सोने और चांदी के

PM मोदी करेंगे दुनिया की सबसे वजनी भगवद् गीता का लोकार्पण, 800 किलो वजनी इस गीता के पन्ने सोने और चांदी के

दुनियाभर में भगवान कृष्ण की लीलाओं और संदेश को फैलाने वाली संस्था अतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ यानी इस्कॉन ने सबसे बड़ी धार्मिक पुस्तक तैयार की है। जो कि दुनिया की सबसे बड़ी पुस्तक है। जिसका वजन 800 किलोग्राम है। जिसका लोकार्पण पीएम मोदी करेंगे।

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नई दिल्ली: दुनियाभर में भगवान कृष्ण की लीलाओं और संदेश को फैलाने वाली संस्था अतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ यानी इस्कॉन ने सबसे बड़ी धार्मिक पुस्तक तैयार की है। जो कि दुनिया की सबसे बड़ी पुस्तक है। जिसका वजन 800 किलोग्राम है। इसे तैयार करने में सिंथेटिक कागज, सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी धातुओं का भी इस्तेमाल किया गया है। एक पन्ने को पलटने में चार लोग लगते हैं। इस किताब को इस्कॉन इटली ने बनवाया है। इस्कॉन के सभी केंद्रों से राशि जमा करके इसे बनाया गया है। इसके निर्माण में लगभग डेढ़ करोड़ का खर्च आया है। 15 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी लोकार्पण करेंगे।

इटली से ऐसे पहुंची दिल्ली
15 फरवरी को इसे दिल्ली स्थित इस्कॉन मंदिर में स्थापित किया जाएगा। इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। भगवद् गीता को इस्कॉन मंदिर की संस्था ने बनवाया है। इसे छपवाने में संस्था को करीब ढाई साल का समय लगा है। इसमें करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। गीता को इटली के मिलान शहर से समुद्री मार्ग द्वारा गुजरात के मुंद्रा लाया गया। इसके बाद 20 जनवरी को दिल्ली पहुंचाया गया।

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क्यों खास है ये भगवद् गीता

  • यह भगवद् गीता 800 किलो की है। जिसके पन्ने चांदी, सोने और प्लैटिनम से बने हुए है।
  • इस पुस्तक में पूरे 670 पन्ने है। जिसे पलटने के लिए पूरे 4 लोग लगते है।
  • इस लंबाई की बात करें तो वह है 12 फीट और चौडाई 9 फीट है।
  • इस पुस्तक का निर्माण करने में पूरे ढ़ाई साल लगे। जिसकी लागत डेढ़ करोड़ रुपए है।
  • इसके कवर पेज को बनाने के लिए सैटेलाइट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है।

11 नवंबर को इटली में हुई थी प्रदर्शित
इस्कॉन संस्था की ओर से बताया गया कि इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रीमद् एसी भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने इसे बनवाया है। इसे गीता प्रचार के 50 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में बनवाया गया है।

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