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Divorce Rate India: भारत में है तलाक दर मात्र एक प्रतिशत, आइए जानते हैं अन्य देशों के तलाक दर

Divorce Rate India: रिश्ते बेशकीमती होते हैं। जीवनसाथी का मतलब ही होता है जीवन में साथ निभाने वाला इंसान। अलग-अलग समाज में अलग-अलग तौर तरीके से जीवनसाथी के साथ रहा जा रहा है। भारत में वैवाहिक परम्परा को अपनाया गया है।

Divorce Rate India- India TV Hindi Image Source : SOURCED Divorce Rate India

Highlights

  • अमेरिका में तलाक दर 46 प्रतिशत है
  • फ्रांस में तलाक की दर 55 प्रतिशत है
  • रूस में तलाक दर 51 प्रतिशत है

Divorce Rate India: जन्म-जन्म का साथ, सातों वचनों को निभाने की कसमें, हर जन्म में एक ही जीवनसाथी मिलने की दुआएं, साथ जीने-मरने की बातें, भारत के कपल्स में ये कसमें-वादे सालों से चले आ रहे हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि हम इन वादों को निभाने वाले भी हैं। जी हां, भारत में शादी एक नहीं, सात जन्मों का साथ माना जाता है। आधुनिकता की दौड़ में देश के लोग भले ही बेहद आगे निकल रहे हैं, लेकिन शादी की पवित्रता और उसका महत्व कहीं कम नहीं हुआ है। बात साफ है भारत आधुनिकीकरण के साथ-साथ संस्कार को अपनाए रखने वाला देश है। यहां हम ऊंचाइयों पर पहुंचकर भी अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। हम रिश्तों को बेहद महत्व देते हैं और शायद यही कारण है कि भारत में तलाक दर मात्र एक प्रतिशत है। इसका एक प्रमुख कारण ये है कि यहां शादी दो इंसानों का ही नहीं दो परिवारों का मिलन है। हैरानी की बात ये है कि विकसित देशों में ये दर चैकाने वाले स्तर पर पहुंच गई है। कुछ देशों में ये 80 प्रतिशत से भी ज्यादा है, जो कहीं न कहीं सामाजिक विघटन का कारण बन रहा है।  

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इस देश में 87 प्रतिशत है तलाक की दर 

ग्लोबल डाइवोर्स रेट इंडेक्स में अधिकतर विकसित देशों में तलाक दर अधिक है। विश्व में सबसे ज्यादा तलाक दर वाला देश लक्जमबर्ग है। यहां तलाक दर 87 प्रतिशत है। इस देश की अर्थव्यवस्था काफी अच्छी है और मानव विकास सूचकांक भी बेहतरीन है फिर भी यहां तलाक की दर सबसे ज्यादा है। वहीं खुद को सुपर पावर मानने वाले अमेरिका और रूस की तलाक दर भारत की तुलना में काफी अधिक है। जहां रूस में तलाक दर 51 प्रतिशत है। वहीं अमेरिका में तलाक दर 46 प्रतिशत है। रूस में रिश्ते टूटने का दर प्रति सेकेंड एक है। यानी प्रत्येक एक सेकेंड में एक कपल अलग हो जाते हैं। उनके सपने अलग हो जाते हैं। 

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रोमांस का देश रिश्तों में पिछड़ा 

रोमांस के देश फ्रांस भी तलाक की उच्च दर से परेशान है। फ्रांस में तलाक की दर 55 प्रतिशत है। वहीं स्पेन में 65 प्रतिशत, तुर्की में 22 प्रतिशत, मैक्सीको में 15 प्रतिशत, कोलंबिया में नौ प्रतिशत और चिली में तलाक की दर तीन प्रतिशत है। यानी चिली के लोग भी भारत की तरह तलाक को नापसंद करते हैं। भारतीय सामंजस्य बैठाने के लिए जाने जाते हैं। हम जितने शिक्षित होते हैं, उतने ही अधिक संस्कारी होने की उम्मीद हमसे हमारे माता-पिता और समाज करते हैं। और हां, यहां लोगों में समानुभूति का स्तर अच्छा होता है जिससे हम पार्टनर के दुख को अपना दुख मानते हैं और पार्टनर के सुख को अपना सुख मानते हैं। यही कुछ बारीक वजहें रही हैं कि हमारे भारत में तलाक दर विश्व के अन्य देशों की तुलना में कम है।

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एक पहलू यह भी

वैश्विक आंकड़ों के अनुसार भारत में तलाक की पहल करने में पुरुष आगे हैं। वहीं विश्व स्तर पर यह आंकड़ा इसके उल्ट है। दुनियाभर के विकसित देशों में तलाक की पहल महिलाओं की ओर से अधिक की जाती है, लेकिन भारत में तलाक लेने की पहल करने में पुरुष आगे हैं। विश्व बैंक के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था में महिलाओं का योगदान बहुत कम है। यहां महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं। ऐसे में कई बार चाहते हुए भी वे तलाक जैसा बड़ा कदम नहीं उठा पातीं। वहीं यहां सामाजिक दबाव भी महिलाओं पर अधिक होता है।

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