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त्योहारी मौसम में वाहनों की खुदरा बिक्री 18 फीसदी घटीः फाडा

फाडा ने कहा कि तिपहिया एवं वाणिज्यिक वाहनों को छोड़कर इस साल के त्योहारी मौसम में बाकी सभी वाहन संवर्गों की बिक्री कम हुई है। इनमें यात्री वाहन, दोपहिया और ट्रैक्टर भी शामिल हैं।

त्योहारी मौसम में वाहनों की खुदरा बिक्री 18 फीसदी घटीः फाडा- India TV Paisa Image Source : FILE त्योहारी मौसम में वाहनों की खुदरा बिक्री 18 फीसदी घटीः फाडा

Highlights

  • त्योहारी मौसम पर वाहनों की खुदरा बिक्री 18 फीसदी तक गिरी।
  • इस साल 42 दिनों के त्योहारी मौसम में कुल 2090893 वाहनों की खदुरा बिक्री हुई।
  • पिछले साल के त्योहारी मौसम में 2556335 वाहन बिके थे।

नई दिल्ली: सेमीकंडक्टर की किल्लत होने से आपूर्ति बाधित होने के कारण इस बार त्योहारी मौसम पर वाहनों की खुदरा बिक्री 18 फीसदी तक गिर गई। मोटर वाहन डीलरों के महासंघ फाडा ने बृहस्पतिवार को कहा कि वाहन बिक्री के लिए सबसे मुफीद माने जाने वाले त्योहारी मौसम में भी इस साल खुदरा बिक्री कम रही। फाडा के मुताबिक, इस साल 42 दिनों के त्योहारी मौसम में कुल 20,90,893 वाहनों की खदुरा बिक्री हुई जबकि पिछले साल के त्योहारी मौसम में 25,56,335 वाहन बिके थे।

फाडा ने कहा कि तिपहिया एवं वाणिज्यिक वाहनों को छोड़कर इस साल के त्योहारी मौसम में बाकी सभी वाहन संवर्गों की बिक्री कम हुई है। इनमें यात्री वाहन, दोपहिया और ट्रैक्टर भी शामिल हैं। त्योहारी मौसम में पंजीकृत होने वाले यात्री वाहनों की कुल संख्या 3,24,542 रही जो वर्ष 2020 के त्योहारी मौसम की तुलना में 26 फीसदी तक कम है। इसी तरह दोपहिया वाहनों की बिक्री भी 18 फीसदी घटकर 15,79,642 इकाई पर आ गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 19,38,066 दोपहिया वाहन था। ट्रैक्टरों की खुदरा बिक्री भी अक्टूबर-नवंबर के त्योहारी मौसम में 23 फीसदी गिरकर 56,841 पर आ गई जो पिछले साल 73,925 इकाई रही थी।

इसके उलट तिपहिया एवं वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री इस बार बढ़ी है। इस त्योहारी मौसम में 52,802 तिपहिया वाहनों की बिक्री हुई जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 34,419 था। इसी तरह वाणिज्यिक उपयोग वाले वाहनों की बिक्री भी दस फीसदी की बढ़त के साथ 77,066 रही जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 70,361 वाहनों का था। फाडा के अध्यक्ष विनकेश गुलाटी ने कहा कि यह पिछले एक दशक का सबसे खराब त्योहारी मौसम साबित हुआ है।

उन्होंने कहा, "सेमीकंडक्टर की किल्लत होने से हम मांग होने के बावजूद अपेक्षित संख्या में वाहनों की आपूर्ति नहीं कर सके। खासकर एसयूवी, कॉम्पैक्ट एसयूवी और लग्जरी वाहनों की आपूर्ति पर ज्यादा असर देखा गया है।" हालांकि गुलाटी ने कहा कि एंट्री-लेवल वाली कारों की मांग बनी रही। उन्होंने कहा कि महामारी की वजह से पहले से ही परेशान ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहिया वाहनों की मांग कम रहने की बड़ी वजह पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी रही। यहां तक कि पूछताछ के लिए आने वाले ग्राहक भी कम रहे।

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