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ऑटो एक्स्पो 2020: रालको ने लॉन्च किया इको-फ्रैंडली इकोरेसर टायर, बढ़ेगा बाइक का माइलेज घटेगा प्रदूषण

ऑटो एक्स्पो 2020 में रालको ऑटोमोटिव टायर ने मोटरसाइकलों के लिए अपने लेटेस्ट और इको-फ्रैंडली इकोरेसर टायर को लॉन्च किया है।

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नई दिल्ली। ऑटो एक्स्पो 2020 में रालको ऑटोमोटिव टायर ने मोटरसाइकलों के लिए अपने लेटेस्ट और इको-फ्रैंडली इकोरेसर टायर को लॉन्च किया है। कंपनी जल्द इकोरेसर टायर की कीमत का भी ऐलान करेगी। आम टायरों के मुकाबले इकोरेसर टायर सिंथेटिक रबड़ और पेट्रोलियम आधारित उत्पादों से बनाया जाता है। इकोरेसर टायर पर्यावरण के अनुकूल टायर है, पेट्रोलियम आधारित रसायनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए इसमें बड़ी मात्रा में सिलिका का इस्तेमाल किया गया है। 

जानिए रालको इकोरेसर टायर क्यों है खास

बता दें कि, सिलिका कार्बन डाई ऑक्साईड उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है और टायर के रोलिंग रेजिस्टेन्स को कम कर इंजन के परफोर्मेन्स को बढ़ाता है, जिससे वाहन की माइलेज बढ़ती है। वहीं दूसरी ओर कार्बन डाई ऑक्साईड का उत्सर्जन भी कम होता है। रालको इकोरेसर मोटरसाइकल टायर अत्याधुनिक डिजाइन में तैयार किया गया है जो माइलेज, सुरक्षा और टिकाऊपन का बेहतरीन संयोजन प्रस्तुत करता है। रालको इकोरेसर मोटरसाइकिल टायर में कटिंग एज डिजाइन दिया गया है। कंपनी के मुताबिक, इको-फ्रैंडली इकोरेसर टायर के इस्तेमाल से प्रदूषण कम होगा।

2 बिलियन डॉलर के दोपहिया टायर बाजार के लिए बड़ी क्षमता विस्तार योजनाएं बना रहे- संजीव पाहवा

इको-रेसर टायर की लॉन्चिंग के मौके पर कंपनी के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव पाहवा ने बताया रालको ने अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और डीलर्स की सक्रियता के आधार पर दोपहिया टायर बाजार में 5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली है। रालसन 40 फीसदी मार्केट शेयर के साथ भारत में साइकलों के टायर और ट्यूब्स का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है, जिसकी 70 देशों में मौजूदगी है। साथ ही कंपनी 2 बिलियन डॉलर के दोपहिया टायर बाजार के लिए बड़ी क्षमता विस्तार योजनाएं बना रही है। रालको ऑटोमोटिव की लुधियाना और पंजाब में दो आधुनिक फैक्टरियां हैं। टायर की कीमत को लेकर पाहवा ने कहा, 'यह सामान्य टायर की तुलना में महंगा जरूर होगा, लेकिन लंबे समय के हिसाब से यह फायदे का सौदा होगा। इससे तेल की बचत के साथ-साथ यह 10 फीसदी ज्यादा समय तक चलेगा।' 

गौरतलब है कि, रालको इकोरेसर के अवयव डी-वल्कनेलाइजेषन द्वारा रीसायकल किए जा सकते हैं, जिससे व्यर्थ में कमी आती है। रालको इकोरेसेर मोटरसाइकल टायर का डायनामिक टैंड पैटर्न बेहतर ग्रिप बनाता है, जिससे वाहन का परफोर्मेन्स बेहतरीन बना रहता है, फिर चाहे सड़क सूखी हो या गीली। बता दें कि रालसन इंडिया लिमिटेड के पास रालको ऑटोमोटिव टायर ब्रांड का अधिकार है। रालसन साइकिलों के टायर और ट्यूब का भारत का सबसे बड़ा उत्पादक और एक्सपोर्टर है। 

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