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कार खरीदें या रेंट पर लें, जानिए लीज स्कीम के बारे में विस्तार से

Car Rental Benefits: लोगों को लाइफस्टाइल और ट्रांसफरेबल जॉब्स के कारण ही अब ज्यादातर व्यक्ति कार को खरीदने से बचते हैं। अब कई कंपनियां जैसे ह्यूंडे, मर्सिडीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फिएट और स्कोडा ने लोगों को कार किराए पर दे रही है।

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Highlights

  • लीज पर कार लेना आपके लिए फायदेमंद होगा
  • कार लंबे समय तक के लिए चाहिए
  • आपको हर महीने 1.03 लाख रुपये रेंट देने होंगे

Car Rental Benefits: लोगों को लाइफस्टाइल और ट्रांसफरेबल जॉब्स के कारण ही अब ज्यादातर व्यक्ति कार को खरीदने से बचते हैं। अब कई कंपनियां जैसे ह्यूंडे, मर्सिडीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फिएट और स्कोडा ने लोगों को कार किराए पर दे रही है। इसे लीज स्कीम का नाम दिया गया है।

घर और घरेलू सामान रेंट पर लेना तो आम बात है, लेकिन अब लोग कार भी रेंट पर लेने लगे हैं। जी हां ये सच है। लोगों को लाइफस्टाइल और ट्रांसफरेबल जॉब्स के कारण ही अब ज्यादातर व्यक्ति कार को खरीदने से बचते हैं। अब कई कंपनियां जैसे ह्यूंडे, मर्सिडीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फिएट और स्कोडा ने लोगों को कार किराए पर दे रही है। इसे लीज स्कीम का नाम दिया गया है।

हालांकि अभी भी लोग इस बात को लेकर चिंतित है कि गाड़ी किराए पर लेना बेहतर है या फिर अपनी कार खरीदना। तो आइए समझते हैं कि कार को किराए पर लेने की स्कीम क्या है और आपके लिए कार खरीदना फायदेमंद है या फिर किराए पर लेना।

लीज स्कीम क्या है?

सबसे पहले तो लीज स्कीम को समझते हैं। लीज स्कीम के तहत आप सीधे कार के मालिक से गाड़ी ले सकते हैं। आपको इसके रीसेल वैल्यू की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा डाउन पेमेंट और ईएमआई चुकाने की भी जरूरत नहीं है। अगर आपका जॉब ऐसा है जिसमें ट्रांसफर की गुंजाइश है और ऑफिस जाने के लिए कार की जरूरत पड़ती है तो लीज पर कार लेना आपके लिए फायदेमंद होगा।

इसके लिए आपको कार का मॉडल, सब्सक्रिप्शन प्लान और माइलेज जैसी कुछ चीजें सेलेक्ट करना होगा। साथ ही इंश्योरेंस कवर, रेंटल, कार स्विचिंग और मेंटेनेंस भी चुनना पड़ेगा। 12 महीने से लेकर 48 महीने तक कार लीज पर मिलती हैं। इसके लिए आपको पहले महीने में एक साल का इंश्योरेंस देना पड़ता है। लीज पूरी होने के बाद आप चाहे तो लीज प्लान बढ़ा सकते हैं या दूसरी कार चुन सकते हैं।

अब लोगों के मन में जो सवाल आता है वो ये है कि क्या कार रेंट पर लेनी चाहिए। सबसे पहले तो आपको ये डिसाइड करना होगा कि क्या आपको कार लंबे समय तक के लिए चाहिए या फिर 2-3 साल के लिए। अगर आप दो-तीन साल के लिए एक शहर में रह रहे हैं तो ऐसी स्थिति में कार रेंट कर सकते हैं। अगर नहीं, तो आपको कार रेंट पर लेना महंगा पड़ सकता है।

उदाहरण के लिए अगर किसी कार को आप खरीद रहे हैं और उसकी कीमत 50 लाख रुपये है तो आपको ईएमआई के तौर पर हर महीने 1.19 लाख रुपये चुकाने पड़ेंगे। इस हिसाब से डाउन पेमेंट, इंश्योरेंस और मेंटेनेंस मिलाकर तीन साल में लगभग 60 लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं। वहीं आप अगर कार लीज पर लेते हैं तो इसके लिए आपको हर महीने 1.03 लाख रुपये रेंट देने होंगे। इस हिसाब से तीन साल में केवल 37 लाख रुपये चुकाने होंगे, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि तीन साल बात आपको कार वापस करनी होगी। 

जब आप कार लीज पर लेते हैं तो मंथली सब्सक्रिप्शन पर मिलने वाली कारों पर कमर्शियल नंबर प्लेट लगा होता है। मतलब सफेद बैकग्राउंड पर काले अक्षरों में नंबर लिखा हुआ मिलेगा। इस कार से अगर आप दिल्ली से नोएडा या गुरुग्राम जाते हैं तो आपको रोड टैक्स चुकाना पड़ेगा।

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