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Hindi News पैसा ऑटो Electric Car: इस देश में पांच में से एक कार इलेक्ट्रिक, करीब 3 साल में हुईं दोगुनी

Electric Car: इस देश में पांच में से एक कार इलेक्ट्रिक, करीब 3 साल में हुईं दोगुनी

एक तरफ जहां भारत इलेक्ट्रिक वाहनों पर भरोसा नहीं दिखा पा रहा है, वहीं दूसरी ओर एक देश ऐसा भी है जहां इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है।

इलेक्ट्रिक कार - India TV Paisa Image Source : AP इलेक्ट्रिक कार

पूरी दुनिया में इल्केट्रिक वाहनों की मांग अब तेजी से बढ़ने लगी है। ज्यादातर विकसित देश तो अब यह मांग करने लगे हैं कि उनकी सड़कों पर चलने वाले ज्यादातर व्हीकल इलेक्ट्रिक ही हों। इससे दो बड़े फायदे होते हैं। एक तो पॉल्यूशन और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम होता है और सस्ता साधन होने की से वाहन के मालिक के जेब पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ता है। यही कारण है कि नॉर्वे ने इलेक्ट्रिक वाहन काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।

एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्वे की सड़कों पर अब पांच कारों में से एक इलेक्ट्रिक हो चुकी है। गौर करने वाली बात तो ये है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या यहां पिछले तीन साल में बढ़कर दोगुना हो चुकी है।

इस विषय में ज्यादा जानकारी देते हुए सोमवार को नॉर्वेजियन इलेक्ट्रिक व्हीकल एसोसिएशन की प्रमुख क्रिस्टीना बू ने कहा, 'नॉर्वे की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश के इलेक्ट्रिक कार की संख्या जीरो से 10 प्रतिशत तक पहुंचने में जहां करीब 10 साल का वक्त लगा। वहीं पिछले तीन सालों से भी कम समय में ये आंकड़ा दोगुनी रफ्तार से बढ़कर 20 प्रतिशत तक पहुंच गया है।' उन्होंने कहा कि नॉर्वे में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या अगले दो वर्षों में 30 प्रतिशत के पार पहुंच सकती है।

बताते चलें कि इस देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने पर कोई टैक्स नहीं लगता है। साथ ही नॉर्वे में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए रोड टोल और पब्लिक पार्किंग के दाम भी अन्य की तुलना में कम है। यही कारण है कि इस देश के लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं। अगर नॉर्वे में इलेक्ट्रिकल वाहन पर मिलने वाली ये सुविधाएं यूं ही रहीं तो निश्चित ही अगले 10 सालों में इनकी संख्या काफी तेजी से बढ़ सकती है।

बीते कुछ समय से भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर जोर दे रही है। ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक तय सीमा से कम कीमत के इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी भी दे रही है। हालांकि कुछ परेशानियों के चलते अभी इलेक्ट्रिक वाहनों का फॉर्मूला भारत में सक्सेसफुल नहीं हो पाया है। इसमें खराब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कुछ खामियां शामिल हैं।

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