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Hindi News पैसा ऑटो Setback for Hatchback: भारत में बंद हो जाएंगी एंट्री लेवल की छोटी कारें? जानिए क्यों Alto और i10 जैसी हैचबैक कारों से मुंह मोड़ रही कंपनियां

Setback for Hatchback: भारत में बंद हो जाएंगी एंट्री लेवल की छोटी कारें? जानिए क्यों Alto और i10 जैसी हैचबैक कारों से मुंह मोड़ रही कंपनियां

शुरुआत में ज्यादातर भारतीय खरीदारों के लिए हैचबैक पहली कार थी, उसके बाद सब -4 मीटर सेडान, और अब सब-4 मीटर SUVs वह जगह ले रही हैं।

<p>Setback for Hatchback</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Setback for Hatchback

Highlights

  • 2019 में एंट्री-लेवल हैचबैक कार सेगमेंट में कारों की बिक्री का 13.6% हिस्सा था
  • ग्राहक प्रीमियम हैचबैक या सब 4 मीटर सेडान और एसयूवी का रुख कर रहे हैं
  • एसयूवी और एक एंट्री-लेवल हैचबैक के बीच ईएमआई अंतर लगभग 3,000 रुपये का

बीते दशक तक भारतीय सड़कों पर मारुति और हुंडई की छोटी कारों का जलवा होता था। यह तस्वीर कंपनियों के बिक्री आंकड़ों में साफ दिखाई पड़ती थी। मारुति की टॉप सेलिंग कारों में आधी से ज्यादा अल्टो और वैगनआर जैसी कारें शामिल होती थीं। लेकिन अब तस्वीर बिल्कुल उलट है। FY19 में, सियाम के आंकड़ों के अनुसार, एंट्री-लेवल हैचबैक कार सेगमेंट में कारों की बिक्री का 13.6% हिस्सा था, और इसके पांच मॉडल थे - मारुति सुजुकी ऑल्टो, पुरानी वैगन आर, हुंडई ईऑन, रेनॉल्ट क्विड और टाटा नैनो।

हाल ही में खबर आई है कि हुंडई ने हाल ही में रिलॉन्च की गई अपनी छोटी कार सेंट्रो को बंद करने का फैसला किया है। इससे पहले FY20 में जहां टाटा की नैनो और हुंडई की Eon के बंद होने और Maruti Suzuki के पुराने Wagon R को बंद करने के बाद उनकी बिक्री हिस्सेदारी घटकर 10.6% हो गई। पिछले वित्त वर्ष में, यह शेयर और गिरकर 9.8% और 2022 में 7.8% हो गया। 

Image Source : filehatchback cars

पहली बार के खरीदारों में सेडान और एसयूवी लोकप्रिय

आंकड़ों को देखें तो भारत में नई पीढ़ी के पहली बार कार खरीदारों ने या तो सब -4 मीटर सेडान या सब -4 मीटर एसयूवी (लंबाई में 3,600 मिमी और 4,000 मिमी के बीच) का चयन किया। विश्लेषकों के अनुसार इस ट्रेंड को देखते हुए एंट्री-लेवल हैचबैक की बिक्री हिस्सेदारी में गिरावट की उम्मीद थी। अब इनका सफर ढ़लान की ओर दिख रहा है। 

छोटी कारों में दिख रहा है 'नैनो इफेक्ट'

हमने लखटकिया नैनो का इतिहास देखा है। इस कार को सस्ती या गरीबों की कार कहकर प्रचारित किया गया। लेकिन भारत कार अभी भी स्टेटस सिंबल है। ऐसे में कार खरीदने के बाद भी आपका स्टेटस न बढ़े तो यह ग्राहकों को गवारा नहीं होता। ऐसे में आज के युवा ग्राहक प्रीमियम हैचबैक या सब 4 मीटर सेडान और एसयूवी का रुख कर रहे हैं। 

कम ईएमआई से बढ़ा महंगा खरीदने का शौक 

एक सब -4 मीटर एसयूवी और एक एंट्री-लेवल हैचबैक के बीच ईएमआई अंतर लगभग 3,000 रुपये का है। ऐसे में लोग सस्ती छोटी कार की बजाए शानदार लुक वाली एसयूवी पसंद कर रहे हैं। शुरुआत में ज्यादातर भारतीय खरीदारों के लिए हैचबैक पहली कार थी, उसके बाद सब -4 मीटर सेडान, और अब सब-4 मीटर SUVs वह जगह ले रही हैं।

कम उम्र के बढ़ रहे हैं ग्राहक

शहरी बाजारों में, विशेष रूप से, कार खरीदने की औसत उम्र कम हो रही है। ये युवा खरीदार 20 से 25 की उम्र में अपनी पहली कार खरीद रहे हैं। जिन्हें बेहतरीन बिल्ट, शानदार इंटीरियर और हाई टेक्नोलॉजी पसंद आती है। यह सब उन्हें एक सब 4 मीटर एसयूवी में आसानी से मिल जाती है। 

2018 से घट रही है सेल

एंट्री-लेवल हैचबैक की बिक्री में गिरावट 2018 में शुरू हुई, जब मारुति सुजुकी की सब -4 मीटर सेडान, डिजायर ने भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार के रूप में ऑल्टो के 13 साल के प्रभुत्व को समाप्त कर दिया। डिजायर ने 2018 में 264,612 यूनिट्स की बिक्री की, 2017 की तुलना में 17.6% की वृद्धि (2018 में ऑल्टो की 256,661 यूनिट्स की बिक्री हुई, लगभग 2017 की तरह ही)। 

कंपनियों ने हाथ खींचा 

मुझे संदेह है कि कोई भी कार निर्माता निकट भविष्य में एक बिल्कुल नई एंट्री-लेवल हैचबैक विकसित करेगा, ”उन्होंने कहा। लेकिन इसका मतलब भारत में एंट्री-लेवल हैचबैक के लिए सड़क का अंत नहीं होना चाहिए। FY22 में, Maruti Suzuki ने Alto और S-Presso की 211,762 इकाइयाँ बेचीं। मारुति सुजुकी के लिए बिक्री का यह आंकड़ा काफी अच्छा है और इस सेगमेंट में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए। यहां एकमात्र अन्य कार क्विड है, लेकिन वित्त वर्ष 22 में सिर्फ 26,535 इकाइयों की बिक्री के साथ, इसके दिन गिने जा सकते हैं।

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