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Hindi News पैसा ऑटो झटका: मार्च में यात्री वाहनों की बिक्री चार फीसदी तो दोपहिया वाहनों की बिक्री 21% घटी

झटका: मार्च में यात्री वाहनों की बिक्री चार फीसदी तो दोपहिया वाहनों की बिक्री 21% घटी

मोटरसाइकिल बिक्री 21 प्रतिशत घटकर 9,93,996 इकाई से 7,86,479 इकाई रह गई। स्कूटरों की बिक्री भी 21 प्रतिशत घटकर 3,60,082 इकाई रही।

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Highlights

  • यात्री वाहनों की बिक्री चार प्रतिशत घटकर 2,79,501 इकाई रह गई
  • स्कूटरों की बिक्री भी 21 प्रतिशत घटकर 3,60,082 इकाई रही
  • तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़कर 2,60,995 इकाई पर पहुंच गई

नई दिल्ली। देश में यात्री वाहनों की कुल बिक्री मार्च में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में चार प्रतिशत घटकर 2,79,501 इकाई रह गई। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने बुधवार को यह जानकारी दी। मार्च, 2021 में यात्री वाहनों की बिक्री 2,90,939 इकाई रही थी। सियाम के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मार्च में दोपहिया वाहनों की बिक्री 21 प्रतिशत घटकर 11,84,210 इकाई रह गई। मार्च, 2021 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 14,96,806 इकाई रही थी। 

मोटरसाइकिल और स्कूटर की मांग में कमी 

इस दौरान मोटरसाइकिल बिक्री 21 प्रतिशत घटकर 9,93,996 इकाई से 7,86,479 इकाई रह गई। स्कूटरों की बिक्री भी 21 प्रतिशत घटकर 3,60,082 इकाई रही। एक साल पहले समान महीने में दोपहिया कंपनियों ने 4,58,122 स्कूटर बेचे थे। पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में यात्री वाहनों की कुल बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 30,69,499 वाहन पर पहुंच गई, जो 2020-21 में 27,11,457 वाहन थी। हालांकि, बीते वित्त वर्ष में दोपहिया की कुल बिक्री 11 प्रतिशत घटकर 1,34,66,412 इकाई पर आ गई। इससे पिछले वित्त वर्ष में दोपहिया की बिक्री 1,51,20,783 इकाई रही थी। 

तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ी 

वित्त वर्ष के दौरान तिपहिया वाहनों की बिक्री बढ़कर 2,60,995 इकाई पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 2,19,446 रही थी। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 5,68,559 इकाई से बढ़कर 7,16,566 इकाई पर पहुंच गई। हालांकि, विभिन्न श्रेणियों में वाहनों की कुल बिक्री वित्त वर्ष के दौरान घटकर 1,75,13,596 इकाई रह गई। 2020-21 में वाहन बिक्री का कुल आंकड़ा 1,86,20,233 इकाई रहा था। 

पीएलआई से वाहन उद्योग को मिली मदद 

सियाम के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने कहा कि बीता साल उद्योग के लिए बड़ी चुनौतियां वाला रहा। इस दौरान उद्योग को नया सबक सीखने को भी मिला। आयुकावा ने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने अपनी मूल्य श्रृंखला को कायम रखने के लिए इन चुनौतियों के खिलाफ जमकर संघर्ष किया। इस दौरान सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, फेम योजना के विस्तार के जरिये उद्योग को समर्थन दिया। 

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