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Hindi News पैसा बिज़नेस डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए जरूरी नहीं आधार, बैंक खातों से लिंक करना उपभोक्ता की मर्जी

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए जरूरी नहीं आधार, बैंक खातों से लिंक करना उपभोक्ता की मर्जी

रिजर्व बैंक ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं के लिए आधार कार्ड और आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना स्वैच्छिक है।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए जरूरी नहीं आधार, बैंक खातों से लिंक करना उपभोक्ता की मर्जी- India TV Paisa डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए जरूरी नहीं आधार, बैंक खातों से लिंक करना उपभोक्ता की मर्जी

मुंबई। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं के लिए आधार कार्ड और आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं। रिजर्व बैंक ने बैंकों को भेजी सूचना में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त, 2015 और 15 अक्टूबर, 2015 के आधार कार्ड के इस्तेमाल पर आदेशों के मद्देनजर यह स्पष्ट किया जाता है कि आधार कार्ड का इस्तेमाल और बैंक खातों को आधार संख्या से जोड़ना पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है। यह अनिवार्य नहीं है। जुलाई, 2013 में रिजर्व बैंक ने बैंकों से खाता खोलने का काम पूरा करने और सभी डीबीटी जिलों में आधार नंबरों को जोड़ने का काम पूरा करने को कहा था।

डीबीटी योजना के तहत सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है। पिछले साल 15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने प्रतिबंध को हटा दिया था, जिसके बाद कल्याणकारी योजनाओं जैसे मनरेगा, सभी पेंशन स्कीम और प्रोविडेंट फंड के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म हो गई थी। हालांकि इसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना को शामिल नहीं किया गया है।

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डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से अब तक तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपए लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा कराए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर को कहा करीब 35 से 40 सरकारी योजनाओं का पैसा डीबीटी के तहत अब सीधे लाभार्थियों के खाते में जाने लगा है। पैट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 14 करोड़ 74 लाख रसोई गैस उपभोक्ता पहल से जुड़ चुके हैं और उनके खाते में अब तक 29825.93 करोड़ रुपए ट्रांस्फर किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा मनरेगा और कई छात्रवृत्तियों के पैसे भी सीधे लाभार्थियों के खाते में जाने से शिकायतें कम हुई हैं।

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