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5 जनवरी को एयर इंडिया विनिवेश प्रकिया का दूसरा चरण, घोषित होंगे बोली लगाने वालों के नाम

27 जनवरी, 2020 को जारी किए गए पीआईएम में एयर इंडिया लिमिटेड की इक्विटी शेयर पूंजी की 100 प्रतिशत बिक्री और एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में एआईएल की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश की गई थी।

<p>5 जनवरी से विनिवेश...- India TV Paisa Image Source : PTI 5 जनवरी से विनिवेश प्रक्रिया का  दूसरा चरण

नई दिल्ली। एयर इंडिया के विनिवेश का दूसरा चरण 5 जनवरी, 2021 को शुरू होगा। दूसरे चरण में सरकार  बोली लगाने वालों के नामों की घोषणा करेगी। विनिवेश की प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में, बोली लगाने वालों की ओर से एक्सप्रेशन ऑफ इंटेरेस्ट (ईओआई) प्रस्तुत की गई हैं। अगले चरण में अब नियम और शर्तों के आधार पर इनका चयन किया जाएगा।

 

मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि दूसरे चरण में, चुने गए इच्छुक बोली लगाने वालों को प्रस्ताव (आरएफपी) भेजने के लिए अनुरोध किया जाएगा और उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। कोविड-19 से पैदा हुए मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दी गई थी। योग्य इच्छुक बोली लगाने वालों को सूचना देने की तिथि 5 जनवरी, 2021 है।

 

सरकार ने कहा है कि कोविड के बाद की स्थिति और विमानन क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव के मद्देनजर, सरकार ने विनिवेश से संबंधित विभिन्न विकल्पों पर विचार किया है, जिसमें प्रीलिमिनरी इनफॉरमेशन मेमोरेंडम (पीआईएम) में बोली के मापदंडों और विनिवेश से संबंधित अंतर-मंत्रालय समूह और कोर ग्रुप ऑफ सेक्रेटरी की बैठकें शामिल हैं। इसके अलावा विनिवेश प्रक्रिया की समीक्षा के लिए नियमित रूप से बैठकें आयोजित की गईं। बोली लगाने वालों को एयर इंडिया के एंटरप्राइज वैल्यू पर अपनी रुचि बताने के लिए कहा गया है। 27 जनवरी, 2020 को जारी किए गए पीआईएम में एयर इंडिया लिमिटेड की इक्विटी शेयर पूंजी की 100 प्रतिशत बिक्री, एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में एआईएल की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश की गई थी।

खबरों के मुताबिक घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये टाटा समूह के अलावा कई कंपनियों ने प्रारंभिक बोलियां लगाई हैं। वहीं एयर इंडिया के कर्मचारियों के समूह ने भी समय सीमा समाप्त होने से पहले इंटरअप्स के साथ मिलकर एयरलाइन के अधिग्रहण में अपनी रुचि का आशय पत्र सौंप दिया। हालांकि सरकार ने बोली लगाने वालों के नाम और संख्या पर कोई ऐलान नहीं किय़ा है।

सरकार एयर इंडिया में पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। कंपनी 2007 में घरेलू परिचालक इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद से नुकसान में है। इसके साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस को भी खरीदार के हवाले किया जायेगा। इससे पहले, 2017 से जारी विनिवेश प्रक्रिया को लेकर निवेशकों ने कोई रूचि नहीं दिखायी थी। इस बार सरकार ने सौदे को थोड़ा आकर्षक बनाया है। इसमें संभावित बोलीदाताओं को यह निर्णय करने का अधिकार होगा कि वे एयरलाइन का कितना कर्ज सौदे के तहत लेना चाहते हैं। इससे पहले, बोलीदाताओं को पूरा 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज अपने ऊपर लेने को कहा गया था। 

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