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Hindi News पैसा बिज़नेस आज सड़कों पर नहीं चल रहे कॉमर्शियल व्‍हीकल्‍स, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने बुलाई हड़ताल

आज सड़कों पर नहीं चल रहे कॉमर्शियल व्‍हीकल्‍स, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने बुलाई हड़ताल

AIMTO प्रस्‍तावित मोटर व्‍हीकल एमेंडमेंट बिल 2018 को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, इंश्‍योरेंस प्रीमियम में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने और पेट्रोलियम प्रोडक्‍टस की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की मांग भी सरकार से की गई है।

All India motor vehicle strike- India TV Paisa All India motor vehicle strike

नई दिल्‍ली। आज यानी 7 अगस्‍त को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (AIMTO) ने देश में एकदिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। ज्‍यादातर कॉमर्शियल व्‍हीकल्‍स, जिनमें प्राइवेट बस और टैक्‍सी भी शामिल हें आज सड़कों पर नजर नहीं आएंगे। AIMTO प्रस्‍तावित मोटर व्‍हीकल एमेंडमेंट बिल 2018 को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, इंश्‍योरेंस प्रीमियम में की गई बढ़ोतरी को वापस लेने और पेट्रोलियम प्रोडक्‍टस की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की मांग भी सरकार से की गई है।

आपको बता दें कि भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़ कर विभिन्‍न ट्रांसपोर्टेशन इकाइयां जैसे कर्नाटक स्‍टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और हरियाणा रोडवेज के साथ-साथ अन्‍य संगठन भी आज के एक दिवसीय हड़ताल में शामिल हुए हैं। ऑटोमोबाइल शोरूम, ऑटो स्‍पेयर पार्ट्स की दुकानें और ड्राइविंग स्‍कूल के मालिक और कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल हैं।

लोकसभा में पारित हो चुका है यह विधेयक

आपको बता दें कि मोटर व्‍हीकल संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और अब इसे राज्‍यसभा की मंजूरी मिलनी बाकी है। इस विधेयक में प्रस्‍ताव किया गया है कि प्राइवेट प्‍लेयर्स भी सरकारी ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में आ सकते हैं। साथ ही राज्‍य सरकारों के कुछ अधिकार केंद्र सरकार के पास आ जाएंगे।

ये हैं इस विधेयक के कुछ अहम प्रस्‍ताव

इस विधेयक में प्रस्‍ताव किया गया है कि मोटस व्‍हीकल्‍स में सिर्फ ब्रांडेड कंपनी के स्‍पेयर पार्ट्स ही इस्‍तेमाल किए जाएंगे। श्रमिक संगठनों को आशंका है कि इससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र की छोटी कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी। अन्‍य प्रस्‍तावों की बात करें तो कहा गया है कि मोटर व्‍हीकल्‍स की सर्विसिंग और मरम्‍मत सिर्फ कंपनियों के सर्विस सेंटर्स में ही हो सकेगी। इससे आशंका बढ़ गई है उन लाखों मैकेनिक्‍स की रोजी-रोटी का क्‍या होगा जो सड़क किनारे अपनी दुकान खोल कर बैठे हैं।

अन्‍य राजनीतिक पार्टियों के अलावा सीपीआई (एम) इस हड़ताल को अपना सम‍र्थन दे रही है।

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