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Hindi News पैसा बिज़नेस बैंकों में अनुमान से काफी कम आए 500 और 1000 के पुराने नोट, नकली नोटों पर भी सरकार को झटका

बैंकों में अनुमान से काफी कम आए 500 और 1000 के पुराने नोट, नकली नोटों पर भी सरकार को झटका

काले धन के साथ-साथ फर्जी नोटों पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की शाम को 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी।

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नई दिल्‍ली। काले धन के साथ-साथ फर्जी नोटों पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की शाम को 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी। अंग्रेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 27 नवंबर तक सिर्फ 9.63 करोड़ रुपए के 1.39 लाख पुराने नोट बैंकिंग सिस्‍टम में लौट पाए हैं। यह आंकड़ा बैंकों में जमा किए गए कुल नोटों का 3.4 फीसदी है। अभी तक वापस आए नोट सरकार की ओर से लगाए आंकड़े से खासा कम है।

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पहली छमाही में 400 करोड़ के नकली नोट का था अनुमान

  • इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट ने वर्ष 2016 की पहली छमाही में अनुमान लगाया था कि मार्केट में 400 करोड़ रुपए के नकली नोट बाजार में हैं।
  • इनमें 50 फीसदी हिस्सेदारी 1,000 रुपये के नकली नोटों की है, जबकि 25 फीसदी नोट 500 रुपये के हैं।
  • इस अनुमान के मुताबिक 300 करोड़ रुपए की कीमत के 500 और 1000 रुपए के फर्जी नोट प्रचलन में थे।
  • लेकिन अब तक इनमें से महज 3.2 पर्सेंट नकली नोट ही बैंकों में जमा कराए गए हैं।

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एक्सपर्ट्स का कहना है

ज्यादातर नकली नोट अब भी आतंकी समूहों के पास या काला धन जमा करने वाले लोगों के पास हैं, जिन्होंने इन नोटों को वापस नहीं किया है। हालांकि अभी इस बात का अनुमान है कि 30 दिसंबर तक अभी और नकली नोट जमा कराए जाएंगे।

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टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने आतंकवाद से जुड़े मामलों में काम कर चुके एक सीनियर आईपीएस अधिकारी को कोट करते हुए कहा है कि यदि हम यह कहते हैं कि आतंकी समूह नकली नोटों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्होंने इसे मार्केट में लगा दिया होगा क्योंकि स्टॉक किए गए इन नोटों का कोई इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। आतंकवादी अपने दोहरे एजेंडे के साथ नकली नोटों को बाजार में उतारते हैं। पहला, अपनी खुद की फंडिंग के लिए और दूसरा हमारी अर्थव्यवस्था को स्थिर करना।

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