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Hindi News पैसा बिज़नेस अर्थव्यवस्था को तेजी से उबारने में अहम भूमिका निभाएंगे बैंक: सीतारमण

अर्थव्यवस्था को तेजी से उबारने में अहम भूमिका निभाएंगे बैंक: सीतारमण

“बैंक न भूलें कि उनका मूल काम लोगों को कर्ज देना है, उन्हे ये काम करते रहना चाहिए। वहीं उन्हें सरकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों का कल्याण भी करना चाहिए। वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों को भी सरकारी योजनाओं के जरिए लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए”

<p>finance minister</p>- India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO finance minister

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था को उबारने में बैंकों की भूमिका एक कैटलिस्ट की होगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस माहौल में अर्थव्यवस्था को उबारने में उत्प्रेरक की भूमिका में बैंक हैं। वे अपने ग्राहक की हर नब्ज पहचानते हैं।’’ वित्त मंत्री ‘सरकारी बैकों की मिली जुली पहल पीएसबी एलायंस-डोरस्टेप बैंकिंग सर्विसेस के उद्घाटन पर बोल रही थीं। सीतारमण ने कहा कि बैंकों को अपने मूल काम पर आत्ममंथन करने और लोगों के कल्याण पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बैंकों को कभी भी अपना मूल काम नहीं भूलना चाहिए, जो कि लोगों को कर्ज देना और उससे पैसा कमाना है। यह पूर्णतया कानून के मुताबिक है।  वित्त मंत्री ने कहा कर्ज देने का काम बैंकों को करना चाहिए और साथ ही सरकारी बैंक होने के नाते कुछ काम लोगों के कल्याण का भी करना चाहिए जो कि सरकार की घोषणाओं से जुड़ा हो।’’

 

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि ये निजी क्षेत्र के बैंकों की भी जिम्मेदारी है कि वे सरकारी योजनाओं को लागू करें। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा लागू की जाने वाली सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी बैंक कर्मचारियों को होनी चाहिए। सीतारमण ने कहा, ‘‘यह आपका कर्तव्य है कि आपको योजनाओं की जानकारी हो। सरकार आप लोगों के माध्यम से यह लाभ ग्राहकों तक पहुंचाती है। मैं इस बात को लेकर निश्चिंत होना चाहती हूं कि बैंक कर्मचारियों के पास बैंकों द्वारा लागू की जाने वाली सरकारी योजनाओं की कुछ तो जानकारी हो।’’ यह जागरुकता अधिक ग्राहकों को बैंक की ओर आकर्षित करेगी जो उस सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं।

दरअसल सरकार और इंडस्ट्री लगातार कह रहे हैं, कि मौजूदा परिस्थितियों में बैंकों के द्वारा जरूरत से ज्यादा सतर्कता मांग में रिकवरी को नुकसान पहुंच सकती है। पिछले महीने ही ऑटो सेक्टर के एक दिग्गज ने कहा था मांग को लेकर चिंता नहीं है, हालांकि बैंकों के द्वारा जरूरत से ज्यादा सतर्कता की वजह से मांग को डील में बदलने में मुश्किलें आ रही हैं, वहीं डील को पूरा करने में लगने वाला वक्त भी बढ़ गया है। इसे देखते हुए सरकार ने बैंकों को सलाह दी है कि वो कर्ज बांटने के काम पर जोर बनाए रखें, जरूरत से ज्यादा सतर्कता से बचें

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