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Hindi News पैसा बिज़नेस कॉन्ट्रैक्ट जॉब के लिए सबसे आगे हैं बेंगलुरू और हैदराबाद: सर्वेक्षण

कॉन्ट्रैक्ट जॉब के लिए सबसे आगे हैं बेंगलुरू और हैदराबाद: सर्वेक्षण

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 29 प्रतिशत अनुबंध पर नौकरियों के ऑफर बेंगलुरू और दावणगेरे से दिए गए। इस तरह कर्नाटक इस श्रेणी में शीर्ष पर रहा। वहीं हैदराबाद और वारंगल ने अनुबंध पर नौकरी के कुल ऑफर्स में 24 प्रतिशत ऑफर दिए और इस तरह तेलंगाना इस सूची में दूसरे स्थान पर है।

<p><span style="color: #626262; background-color:...- India TV Paisa Image Source : FILE कॉन्ट्रैक्ट जॉब में आगे बैंग्लुरू और हैदराबाद

नई दिल्ली। कोविड-19 संकट ने कंपनियों और संगठनों को अपने रोजगार प्रदान करने के ढांचे में बदलाव लाने के लिए मजबूर किया है। इसके चलते अनुबंध यानि कॉट्रैक्ट पर रोजगार देने में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है और एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक इस तरह के रोजगार अवसरों के लिए बेंगलुरू एवं हैदराबाद शीर्ष पर हैं। अनुबंध पर रोजगार के मार्केटप्लेस टेकफाइंडर के सर्वेक्षण के मुताबिक बेंगलुरू और हैदराबाद ने खुद को भारत की सिलिकॉन वैली के तौर पर अपना ताज बरकरार रखा है। उसके मंच पर इन दोनों शहरों ने सबसे ज्यादा अनुबंध पर नौकरी देने की पेशकश की है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 29 प्रतिशत अनुबंध पर नौकरियों के ऑफर बेंगलुरू और दावणगेरे से दिए गए। इस तरह कर्नाटक इस श्रेणी में शीर्ष पर रहा।

वहीं हैदराबाद और वारंगल ने अनुबंध पर नौकरी के कुल ऑफर्स में 24 प्रतिशत ऑफर दिए और इस तरह तेलंगाना इस सूची में दूसरे स्थान पर है। जबकि मुंबई, पुणे और नागपुर की पेशकश के आधार पर महाराष्ट्र तीसरे, चेन्नई और कोयंबटूर के आधार पर तमिलनाडु चौथे और दिल्ली पांचवे स्थान पर रहा। इन राज्यों ने उसके मंच पर क्रमश: 18, 15 और 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हुए अनुबंध पर नौकरी की पेशकश की। टेकफाइंडर ने जुलाई से सितंबर की अवधि में अनुबंध पर नौकरी देने वाले 42,000 से अधिक ठेकेदारों के बीच सर्वेक्षण किया। इसका मकसद देश में अनुबंध पर आधारित नौकरियों के बाजार में मौजूदा रुख को देखना है। टेकफाइंडर के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीन मादिरे ने कहा, ‘‘रोजगार बाजार में एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। अब लंबी अवधि के या समय आधारित रोजगार के स्थान पर अस्थायी और काम आधारित रोजगार की उपलब्धता बढ़ रही है। यह रुख मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों के अनुरूप है। अस्थायी काम और जीवनशैली में बदलाव के बीच दीर्घावधि में यह रुख नियोक्ता और पेशेवर दोनों के लिए फायदेमंद होगा।’’

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