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Hindi News पैसा बिज़नेस Amazon पर लगाया जाए 1.44 लाख करोड़ रुपये का जुर्माना, CAIT ने कानून के उल्लंघन पर ED के आगे रखी मांग

Amazon पर लगाया जाए 1.44 लाख करोड़ रुपये का जुर्माना, CAIT ने कानून के उल्लंघन पर ED के आगे रखी मांग

कैट ने प्रवर्तन निदेशालय से मांग की है कि अमेजन पर फेमा कानून, नियम और विनियमों का उल्लंघन करने के कारण अवैध रूप से निवेश किए गए 48,500 करोड़ रुपये के निवेश पर तीन गुना यानी 1.44 लाख करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए।

CAIT asks ED to take strict action against Amazon - India TV Paisa Image Source : FILE PHOTO CAIT asks ED to take strict action against Amazon

नई दिल्‍ली। कारोबारियों के राष्‍ट्रीय संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने रविवार को कहा कि उसने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पत्र लिखकर बाजार खराब करने वाली कीमत को लेकर ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र में दावा किया गया है कि अमेजन की बाजार बिगाड़ने वाली कीमत से छोटे कारोबारियों की स्थिति खराब हो रही है। कैट ने कहा कि उसने ईडी को लिखे पत्र में अमेजन के खिलाफ सभी जरूरी तथ्यों को रखा है। इसके जरिये ये साबित किया गया है कि ई-कॉमर्स कंपनी वर्ष 2012 से ही भारतीय कानूनों, नियमों और विनियमन का उल्लंघन करती आ रही है।

कैट ने प्रवर्तन निदेशालय से मांग की है कि अमेजन पर फेमा कानून, नियम और विनियमों का उल्‍लंघन करने के कारण अवैध रूप से निवेश किए गए 48,500 करोड़ रुपये के निवेश पर तीन गुना यानी 1.44 लाख करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए। ईडी के स्‍पेशल डायरेक्‍टर सुशील कुमार को लिखे पत्र में कैट ने कहा कि अमेजन द्वारा भारत में किया गया निवेश प्रोवीजन ऑफ फॉरेन एक्‍सचेंज मैनेजमेंट अधिनियम, 1999 का उल्‍लंघन है।

संगठन ने एक बयान में कहा कि इससे देश के छोटे बड़े करोड़ो व्यापारियों को नुकसान पहुंचा है, जबकि सरकार ने एफडीआई नीति और फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) और नियमनों में उनके व्यापार को संरक्षित रखने के सभी प्रावधान किए हैं। कैट ने दावा किया कि लेकिन अमेजन द्वारा इनके लगातार उल्लंघन के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके कारण देश के सात करोड़ व्यापारियों के साथ-साथ श्रमिकों और उनसे जुड़े लोग खुद को ठगा हुआ और लाचार महसूस कर रहे हैं। पत्र में कहा गया है कि घरेलू खुदरा कारोबारियों की भावनाओं और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमाने रवैये के चलते देश की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान को देखते हुए कड़ी कार्रवाई किए  जाने की जरूरत है। कैट प्रवर्तन निदेशालय से ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने की मांग करता है।

इस बारे में अमेजन इंडिया से ई-मेल के जरिये पूछा गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हमने प्रवर्तन निदेशालय को लिखे पत्र में कुछ सवाल उठाए हैं कि, अमेजन सेलर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (अमेजन इंडिया) और अन्य अनुषंगी सहायक कंपनियों और बेनामी कंपनियों के माध्यम से ई-कॉमर्स कंपनी कैसे बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार में (ई-कॉमर्स का इन्वेंट्री आधारित मॉडल) में सक्रिय है? उन्होंने कहा कि यह एफडीआई नीति, संबंधित प्रेस नोट्स और फेमा अधिनियम, नियमों और विनियमन का पूर्ण उल्लंघन है। 

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