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Call Drop: टेलिकॉम कंपनियों की धमकी बेअसर, कॉल ड्राप पर हर्जाने का नियम होगा लागू

कॉल ड्राप पर हर्जाने पर कंपनियों के विरोध के बावजूद दूरसंचार नियामक ट्राई ने साफ कर दिया है कि काल ड्राप पर ग्राहक को हर्जाना देने नियम जल्द लागू होगा।

Call Drop: टेलिकॉम कंपनियों की धमकी बेअसर, कॉल ड्राप पर हर्जाने का नियम होगा लागू- India TV Paisa Call Drop: टेलिकॉम कंपनियों की धमकी बेअसर, कॉल ड्राप पर हर्जाने का नियम होगा लागू

नई दिल्ली। कॉल ड्रॉप से परेशान मोबाइल फोन धारकों के लिए राहत की खबर है। कॉल ड्राप पर हर्जाने पर कंपनियों के विरोध के बावजूद दूरसंचार नियामक ट्राई ने साफ कर दिया है कि काल ड्राप पर ग्राहक को हर्जाना देने नियम जल्द लागू होगा। ट्राई ने मोबाइल सेवा कंपनियों को हर्जाना देने के लिए जनवरी तक खाका तैयार करने को कहा है। साथ ही उसने दूरसंचार कंपनियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने की भी बात कही है। Call Drop: TRAI और टेलीकॉम ऑपरेटर आमने-सामने, कंपनियों ने दी कॉल रेट बढ़ाने की धमकी

जनवरी तक सिस्टम तैयार करें टेलिकॉम कंपनियां

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि कॉल ड्रॉप को लेकर ट्राई की नीति बेहद स्पष्ट है। ऑथोरिटी द्वारा न तो इसे पलटा गया है, न ही संशोधित किया गया है या रद्द किया गया है। कंपनियों को इस पूरी व्यवस्था को लागू करने के लिए स्वयं को तैयार करने को लेकर निश्चित रूप से कदम उठाना चाहिए। ट्राई कॉल ड्राप हर्जाना नियमों के क्रियान्वयन तथा सेवा सुधारने के लिये उनके द्वारा उठाये गये कदमों को लेकर दूरसंचार परिचालकों के साथ पहले ही बैठक कर चुका है। दिशानिर्देश के अनुसार दूरसंचार कंपनियों को उनके नेटवर्क में समस्या के कारण प्रत्येक कॉल ड्राप के लिए एक रुपए हर्जाना ग्राहकों को देना होगा। यह हर्जाना अधिकतम तीन रुपए प्रतिदिन प्रति ग्राहक होगा। Impact: ट्राई की सख्‍ती का असर शुरू, अगले 3-4 महीने में वोडाफोन की कॉल ड्रॉप समस्‍या होगी खत्‍म

ट्राई के नियम के खिलाफ टेलिकॉम कंपनियां

दूरसंचार कंपनियों ने इस प्रकार के नियम बनाने को लेकर ट्राई के अधिकार क्षेत्र तथा इसके क्रियान्वयन में तकनीकी व्यवहारिकता को लेकर सवाल उठाये हैं। शर्मा ने कहा, ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि प्राधिकरण ने तकनीकी व्यवहार्यता पर विचार किये बिना इस नियम को लागू कर दिया। नियमन जारी करने से पहले प्राधिकरण ने तकनीकी व्यवहार्यता समेत मामले से संबद्ध सभी पहलुओं पर गौर किया।

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