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NCLT में मिस्‍त्री परिवार को मिली निराशा, खारिज हुई टाटा संस के खिलाफ याचिका

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने साइरस मिस्त्री परिवार से जुड़ी दो कंपनियों की टाटा संस के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया है।

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मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने साइरस मिस्त्री परिवार से जुड़ी दो कंपनियों की टाटा संस के खिलाफ याचिका को  खारिज कर दिया है। साइरस मिस्‍त्री परिवार से जुड़ी इन कंपनियों की यह याचिका टाटा संस के खिलाफ NCLT में जाने के लिए एक पात्रता शर्त को समाप्त करने के बारे में हैं।

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NCLT की बीएसवी प्रकाश कुमार और वी नल्लासेनपती की पीठ ने कहा कि अधित्याग खारिज किया जाता है, कंपनी की याचिका को खारिज किया जाता है। इन दोनों कंपनियों ने पिछले साल टाटा संस से मिस्‍त्री को हटाने के कदम को भी चुनौती दी थी। इन्होंने कंपनी में कुप्रबंधन और अल्पांश शेयरधारकों की आवाज दबाने का आरोप लगाया था। याचिका में NCLT से आग्रह किया गया था कि वह अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुये उस पात्रता शर्त को हटा दे जो कि इस तरह की याचिका को दायर करने के लिये जरूरी की गई है।

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न्यायाधिकरण ने पिछले महीने यह फैसला दिया कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ता कंपनी कंपनी कानून के तहत एक पात्रता मानदंड को पूरा नहीं करती है। हालांकि, मिस्‍त्री परिवार की इन दोनों कंपनियों का कहना है कि कानून के तहत न्यायाधिकारण के पास अधिकार है कि वह इस शर्त को हटा सकता है कि याचिकाकर्ता के पास कंपनी की चुकता पूंजी के कम से कम दसवें हिस्से के बराबर इक्विटी होनी चाहिए अथवा वह कम से कंपनी के अल्पांश शेयरधारकों के दसवें हिस्से का प्रतिनिधित्व करती हो।

टाटा संस का मानना है कि यदि उसकी तरजीही पूंजी को भी शामिल किया जाता है कि याचिकाकर्ता कंपनियों के पास टाटा संस की कुल जारी शेयर पूंजी का मात्र 2.17 प्रतिशत हिस्सेदारी ही है।

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