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Hindi News पैसा बिज़नेस सरकारी बैंकों के एकीकरण से पीछे हटने या उसमें देरी का कोई कारण नहीं: वित्त मंत्री

सरकारी बैंकों के एकीकरण से पीछे हटने या उसमें देरी का कोई कारण नहीं: वित्त मंत्री

सरकार ने साफ कर दिया है कि वो सरकारी बैंकों के एकीकरण की योजना से पीछे नहीं हटेगी

<p>Finance Minsiter</p>- India TV Paisa Finance Minsiter

नई दिल्ली। सरकार ने साफ कर दिया है कि वो सरकारी बैंकों के एकीकरण की अपनी योजना से पीछे नहीं हटेगी। बड़े पैमाने पर सरकारी बैंकों के एकीकरण के प्रस्ताव से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में शनिवार को इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर पीछे हटने का कोई कारण नहीं है। 

रिजर्व बैंक की बोर्ड बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इससे पीछे हटने का कोई कारण है और ना ही ऐसी कोई वजह है जिसके चलते किसी अधिसूचना में कोई देर हो। पिछले साल अगस्त में सरकार ने 10 अलग-अलग सरकारी बैंकों का आपस में विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का निर्णय किया था। इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पंजाब नेशनल बैंक में मिलाया जाना है। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक के साथ, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक के साथ और आंध्रा बैंक एवं कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलाया जाना है। 

इससे पहले अप्रैल 2019 में सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय कर चुकी है। वहीं अप्रैल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंक  स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया था। 

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