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Hindi News पैसा बिज़नेस अक्टूबर-दिसंबर में एफडीआई 1.4 प्रतिशत घट कर 1067 करोड़ डॉलर

अक्टूबर-दिसंबर में एफडीआई 1.4 प्रतिशत घट कर 1067 करोड़ डॉलर

2019-20 में दिसंबर तक सबसे ज्यादा विदेशी निवेश सेवा क्षेत्र में आया है।  

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नई दिल्ली। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानि एफडीआई अक्टूबर-दिसंबर के दौरान 1.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 1067 करोड़ डॉलर  रहा है। भारतीय मुद्रा में ये रकम 76,800 करोड़ रुपये है। आंकड़े के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में एफडीआई 1082 करोड़ डॉलर था। वहीं चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में एफडीआई प्रवाह 977 करोड़ डॉलर था। यानि पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले एफडीआई में गिरावट रही है, हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के मुकाबले तीसरी तिमाही में एफडीआई 9 फीसदी बढ़ा है। 

वहीं 2019-20 की पहली तीन तिमाही यानि अप्रैल-दिसंबर अवधि में विदेशी निवेश पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत बढ़कर 3676 करोड़ डॉलर रहा । इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में विदेशी निवेश 3349 करोड़ डॉलर के स्तर पर था। चालू वित्त वर्ष के पहले नो महीनों में जिन क्षेत्रों में अधिकतम विदेशी पूंजी प्रवाह आया, उसमें सेवा क्षेत्र  में 652 करोड़ डॉलर, कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर में 635 करोड़ डॉलर, दूरसंचार क्षेत्र में 429 करोड़ डॉलर, वाहन क्षेत्र में 250 करोड़ डॉलर तथा कारोबार में 352 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ। 

एफडीआई के लिये सिंगापुर सबसे बड़ा स्रोत रहा। वहां से चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 1165 करोड़ डॉलर का निवेश आया। उसके बाद मारीशस से 745 करोड़ डॉलर, नीदरलैंड से 353 करोड़ डॉलर, जापान से 280 करोड़ डॉलर तथा अमेरिका 279 करोड़ डॉलर का स्थान रहा। देश को आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये बुनियादी ढांचा समेत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की जरूरत है और एफडीआई इसका प्रमुख स्रोत है। सरकार ने पिछले साल ब्रांड खुदरा कारोबार, कोयला खनन और अनुबंध के आधार पर विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश नियमों में ढील दी।

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