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Hindi News पैसा बिज़नेस रघुराम राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दी चेतावनी! कहा- ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी आने वाले समय में खत्म हो जाएंगी

रघुराम राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दी चेतावनी! कहा- ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी आने वाले समय में खत्म हो जाएंगी

राजन आगे तर्क देते हुए कहा कि अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि केवल इसलिए है मूर्ख लोग उन्हें खरीदना चाहते हैं। इनकी कीमतों में एक दम उछाल आना भी ऐसे निवेशकों को आकर्षित करता है।

Former RBI governor Raghuram Rajan warned most exciting cryptocurrencies will perish- India TV Paisa Image Source : PTI Former RBI governor Raghuram Rajan warned most exciting cryptocurrencies will perish

Highlights

  • राजन का मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी केवल एक या दो, या अधिक से अधिक मुट्ठी भर ही बचेगी।
  • अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि केवल मूर्ख लोग उन्हें खरीदना चाहते हैं: राजन
  • चिट फंड लोगों से पैसे लेते हैं और और देखते ही देखते धराशायी हो जाते हैं। क्रिप्टो संपत्ति रखने वाले बहुत से लोग पीड़ित होने व

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश करने जा रही है लेकिन इससे पहले पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएनबीसी को दिए अपने साक्षात्कार में राजन ने कहा कि अधिकांश मौजूदा क्रिप्टोकरेंसी जल्द ही समाप्त हो जाएगी। अभी लगभग 6000 क्रिप्टोकरेंसी अस्तित्व में हैं और राजन का मानना ​​है कि केवल एक या दो, या अधिक से अधिक मुट्ठी भर ही बचेगी। राजन ने कहा कि यह एक 'बुलबुला' है। अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि केवल मूर्ख लोग उन्हें खरीदना चाहते हैं।"

राजन का कहना है कि क्रिप्टोकरंसी में चिट फंड जैसी ही समस्याएं हो सकती हैं। “चिट फंड लोगों से पैसे लेते हैं और और देखते ही देखते धराशायी हो जाते हैं। क्रिप्टो संपत्ति रखने वाले बहुत से लोग पीड़ित होने वाले हैं।" राजन आगे तर्क देते हुए कहा कि अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी का वजूद सिर्फ इसलिए है क्योंकि केवल इसलिए है मूर्ख लोग उन्हें खरीदना चाहते हैं। इनकी कीमतों में एक दम उछाल आना भी ऐसे निवेशकों को आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश क्रिप्टो का स्थायी मूल्य नहीं है, लेकिन अच्छा रिटर्न देने के चलते अपनी उपस्थिति बनाए रख सकते हैं। 

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी संबंधी विधेयक पेश करेगी

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने तथा आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है। लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। 

भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाये जायेंगे । हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया । ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी। 

पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लाकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए । भारतीय रिजर्ब बैंक ने बार बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिये जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये थे और कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है। 

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है। यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है। ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है। इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं। क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत।

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है। इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है। जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं। उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है। जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने तथा आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है। 

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