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Hindi News पैसा बिज़नेस सरकारी कर्मचारियों और पूर्व सैनिकों को मिलेंगे 1.10 लाख करोड़ रुपए, इस साल के बजट में होगा प्रावधान

सरकारी कर्मचारियों और पूर्व सैनिकों को मिलेंगे 1.10 लाख करोड़ रुपए, इस साल के बजट में होगा प्रावधान

आने वाले आम बजट में सातवें वेतन आयोग और समान रैंक समान पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने के लिए आगामी बजट में 1.10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा।

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नई दिल्‍ली। आने वाले आम बजट में सातवें वेतन आयोग और समान रैंक समान पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने के लिए आगामी बजट में 1.10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। यह बात शुक्रवार को केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कही। उन्‍होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए भी बजट में आवंटन बढ़ाया जाएगा।

वित्त मंत्रालय से संबद्ध सलाहकार समिति की बैठक में जेटली ने कहा कि भारत में और तेजी गति से आगे बढ़ने की क्षमता है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष के दौरान वित्तीय घाटे के तय लक्ष्य के दायरे में रहने के बारे में विश्वास व्यक्त किया। जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान केंद्र सरकार को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों और समान रैंक समान पेंशन योजना को लागू करने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो साल के दौरान जरूरत से कमजोर मानसून रहने की वजह से कृषि क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचा है। इसकी वजह से वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान राज्यों को सूखा राहत सहायता के तौर पर अब तक की सबसे ज्यादा सहायता उपलब्ध कराई गई है।

जेटली ने कहा कि कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र को और जयादा प्रोत्साहन दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत लगातार दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है, लेकिन इसमें और ज्यादा तेजी से बढ़ने की क्षमता विद्यमान है। जेटली ने कहा, विश्व अर्थव्यवस्था अनिश्चित और कमजोर स्थिति के दौर से गुजर रही है। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिंस और तेल के दाम नीचे हैं। भारत के लिए यह वृहद आर्थिक स्थिति अनुकूल साबित हुई है। मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति के सदस्यों ने बैठक के दौरान मध्यम और वेतनभोगी तबके के लिए कर छूट की सीमा को मौजूदा ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर चार लाख रुपए करने तथा कर आधार को और व्यापक बनाने पर जोर दिया। सदस्यों ने इसके साथ ही कर चोरी करने वालों को कड़ा दंड देने की जरूरत बताई। एमएसएमई को अधिक टैक्‍स प्रोत्साहन देने पर भी सदस्यों ने जोर दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें।

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