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सरकार ने लिपुलेख के रास्ते भारत-चीन व्यापार करने की समयावधि बढ़ाई, अब 31 अक्‍टूबर तक होगा कारोबार

सरकार ने लिपुलेख व्यापार चौकी से होने वाले भारत-चीन व्यापार की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्‍टूबर कर दी है।

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पिथौरागढ़। सरकार ने लिपुलेख व्यापार चौकी से होने वाले भारत-चीन व्यापार की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्‍टूबर कर दी है। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला उप-मंडल स्थित लिपुलेख के रास्ते व्यापार एक जून से शुरू होना है और इसके लिए अंतिम तिथि पहले 10 सितंबर थी। सरकार ने इसे बढ़ाकर 31 अक्‍टूबर कर दिया है। धारचूला के उपजिलाधिकारी और व्यापार अधिकारी का कामकाज देख रहे राज कुमार पांडे ने कहा कि हमें भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला है। इसमें कारोबार की अंतिम तिथि को 10 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्‍टूबर करने का निर्देश दिया गया है।

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व्यापार अधिकारी ने कहा कि कारोबारी बड़ी मात्रा में कार्यालय से पास लेने के लिये पहुंच रहे हैं। ये पास आज से जारी किए जा रहे हैं। नियमों के अनुसार व्यापारियों को व्यापार पास मिलने के बाद वह तिब्बत में पहुंचने के लिये लिपुलेख दर्रा की तरफ बढ़ सकते हैं। हालांकि, ज्यादातर व्यापारी जुलाई में ही तिब्बत पहुंचते हैं। भारत में गुंजी मार्ट में सामान जुटाने में समय लगने की वजह से ऐसा होता है। व्यापार कार्यालय सूत्रों के अनुसार धारचुला व्यापार कार्यालय में 264 व्यापार पास उपलब्ध हैं।

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व्यापारी संगठनों ने समयावधि बढ़ाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। समय बढ़ने से उन्हें सामान बेचने के लिये और समय मिलेगा क्योंकि तिब्बती गांवों के लोग जुलाई के बाद ही मार्ट में खरीदारी के लिये पहुंचते हैं। धारचूला में भारत-तिब्बत व्यापार समिति के अध्यक्ष जीवन सिंह रौंकली ने बताया, हमने देश के अन्य बाजारों से भी सामान इकटठा करना शुरू कर दिया है। इस सामान को धारचूला में इकटठा कर गुंजी ले जाया जाएगा जहां से तिब्बत में मांग के अनुसार उसकी आपूर्ति की जाएगी।

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