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Hindi News पैसा बिज़नेस जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलेगा प्रोत्साहन, सरकार उपायों पर कर रही है विचार

जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलेगा प्रोत्साहन, सरकार उपायों पर कर रही है विचार

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार अंतर्देशीय कंटेनर डिपो स्थापित करने और खुबानी तथा सी बकथॉर्न पौधे जैसे कुछ स्थानीय उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग देने की तैयारी कर रही है।

Govt working on incentives to promote industrial development in J&K region- India TV Paisa Image Source : GOVT WORKING ON INCENTIVE Govt working on incentives to promote industrial development in J&K region

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहनों और उपायों पर काम कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कश्मीरोनॉमिक्स कॉन्क्लेव 2019 में यहां कहा कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण प्रोत्साहनों और उपायों पर काम कर रही है। यह इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगा।

गोयल ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएआई) और दुबई की कंपनियां जम्मू-कश्मीर में कारोबारी अवसर तलाशने की इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि ज्यादा से ज्यादा लोग यहां उद्योग लगाना और निवेश करना चाहेंगे। यहां जलविद्युत, औषधि, पर्यटन और खाद्य क्षेत्र में निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार अंतर्देशीय कंटेनर डिपो स्थापित करने और खुबानी तथा सी बकथॉर्न पौधे जैसे कुछ स्थानीय उत्पादों को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग देने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में आधुनिक संस्थान और कौशल विकास केंद्र स्थापित करने की भी योजना है। रेल क्षेत्र को लेकर, गोयल ने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला को जोड़ने वाली 272 किलोग्राम लंबी रेल लिंक परियोजना पर काम चल रहा है। चेनाब रेल ब्रिज पर भी अब काम शुरू हो गया है, जो कि आंतकी गतिविधियों के कारण रुक गया था।

उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा पुल होगा और हमें उम्मीद है कि इसे बहुत अहम परियोजना के रूप में घोषित किया जाएगा। हम इसे निर्धारित समय में पूरा कर पाएंगे। वहीं, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कार्यक्रम में कहा कि इस क्षेत्र में हस्तनिर्मित कालीनों का केंद्र बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि चूंकि चीन हस्तनिर्मित कालीन श्रेणी से बाहर जा रहा है इसलिए दोनों संघ शासित प्रदेशों के लिए यहां अवसर है। अब हस्तनिर्मित कालीन इन क्षेत्रों में निवेश के अवसर तलाश रही है।

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