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Hindi News पैसा बिज़नेस कोरोना संकट से बढ़ी स्वास्थ्य बीमा की मांग, 2020-21 में साधारण बीमा कंपनियों ने दर्ज की 5.2% की ग्रोथ

कोरोना संकट से बढ़ी स्वास्थ्य बीमा की मांग, 2020-21 में साधारण बीमा कंपनियों ने दर्ज की 5.2% की ग्रोथ

महामारी की वजह से स्वास्थ्य बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ने और साथ ही आग लगने जैसी घटनाओं से संरक्षण को बीमा कवर की मांग बढ़ने से बीते वित्त वर्ष 2020-21 में साधारण बीमा उद्योग ने 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और उनका प्रीमियम संग्रह 1,98,734.7 करोड़ रुपये रहा।

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मुंबई। महामारी की वजह से स्वास्थ्य बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ने और साथ ही आग लगने जैसी घटनाओं से संरक्षण को बीमा कवर की मांग बढ़ने से बीते वित्त वर्ष 2020-21 में साधारण बीमा उद्योग ने 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और उनका प्रीमियम संग्रह 1,98,734.7 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, यह इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में दर्ज 11.5 प्रतिशत की वृद्धि से कम है। केयर रेटिंग्स के सोमवार को जारी विश्लेषण के अनुसार महामारी की वजह से 2020-21 में साधारण बीमा क्षेत्र सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर सका। 

मार्च में साधारण बीमा क्षेत्र की वृद्धि दर 23.4 प्रतिशत रही, जो मार्च, 2020 में 11.5 प्रतिशत रही थी। उद्योग के अंदर साधारण बीमा क्षेत्र की वृद्धि 3.4 प्रतिशत रही और इसका प्रीमियम संग्रह 1,69,840 करोड़ रुपये रहा। एकल आधार पर निजी बीमा कंपनियों की वृद्धि 11.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 15,720 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। विशेषीकृत सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों ने 26.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13,176.4 करोड़ रुपये का प्रीमियम जुटाया। इस तरह मार्च के अंत तक उद्योग का कुल प्रीमियम 1,98,734.7 करोड़ रुपये रहा।

फ्यूचर जनरली पर 17 लाख रुपये का जुर्माना

बीमा नियामक इरडा ने साधारण बीमा कंपनी फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस पर पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा से जुड़े नियमों के उल्लंघन तथा प्राधिकरण से मंजूरी लिये बिना पॉलिसी की बिक्री को लेकर 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने यह जुर्माना 15 से 25 जनवरी, 2018 को औचक जांच तथा बीमा कंपनी के नवंबर 2020 में मिले जवाब एवं उसका पक्ष सुनने के बाद लगाया। इरडा ने सोमवार को एक परिपत्र में कहा कि जांच रिपोर्ट में बीमा कानून नियम, दिशानिर्देश और समय-समय पर जारी परिपत्रों के उल्लंघन की बात सामने आयी। कंपनी ने प्राधिकरण की मंजूरी के बिना ‘अतिरिक्त कवर’ वाली पॉलिसी बेची। साथ ही उसने पॉलिसीधारकों के हितों से जुड़े नियमों का भी उललंघन किया।

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