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नोटबंदी के बाद ICRA ने 2016-17 के लिए घटाया GDP ग्रोथ रेट का अनुमान

नोटबंदी का आर्थिक गतिविधियों पर फौरी असर होने के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने GDP ग्रोथ रेट संबंधी अपना अनुमान 0.40% घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।

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नई दिल्ली। नोटबंदी का आर्थिक गतिविधियों पर फौरी असर होने के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने GDP ग्रोथ रेट संबंधी अपना अनुमान 0.40% घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। ICRA ने अपने बयान में कहा है कि 2016-17 की दूसरी तिमाही में भारत के GVA (ग्रॉस वैल्‍यू एडेड) की ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहेगी। पिछले साल इसी तिमाही की तुलना में यह मामूली कम होगी।

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ग्रोथ रेट अनुमान 0.40 फीसदी घटाया

  • ICRA ने अपने बयान में कहा है कि नोटबंदी के आर्थिक गतिविधियों पर फौरी असर को ध्यान में रखते हएु उसने GDP व GVA ग्रोथ संबंधी अपने अनुमान में 0.40 प्रतिशत कमी कर क्रमश: 7.5 प्रतिशत और 7.3 प्रतिशत कर दिया है।
  • बयान में कहा गया है कि ICRA को चालू वित्त वर्ष के दौरान कृषि, वानिकी और मछली पालन क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है।
  • दूसरी तिमाही में सेक्‍टर की ग्रोथ रेट 5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।
  • एक साल पहले दूसरी तिमाही में इस क्षेत्र में 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
  • ICRA के मुताबिक जुलाई-सितंबर तिमाही में इंडस्ट्रियल ग्रोथ कुछ कम होकर 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • एक साल पहले दूसरी तिमाही में यह 6.3 प्रतिशत रही थी।
  • सर्विस सेक्‍टर की ग्रोथ रेट भी घट कर 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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घटेंगी डिपॉजिट और लोन के रेट

  • ICRA ने कहा है कि बैंकों में अधिक जमा पूंजी एकत्रित होने से डिपॉजिट और लोन के रेट में कमी आयेगी।
  • इसका मौजूदा कर्जदारों पर भी अनुकूल असर होगा जबकि दूसरी तरफ बैंकों की शुद्ध ब्याज आय में वृद्धि होगी।
  • इसके अलावा पिछले दो सप्ताह के दौरान बॉंड प्राप्ति में भी काफी नरमी देखने को मिली है।
  • इससे केंद्र और राज्यों को बांड के जरिए बाजार से अतिरिक्त धन जुटाने में ब्याज भुगतान का बोझ कम होगा।

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