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Hindi News पैसा बिज़नेस ऐसे 20 क्षेत्रों की पहचान हुई जिसमें वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन सकता है भारत: पीयूष गोयल

ऐसे 20 क्षेत्रों की पहचान हुई जिसमें वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन सकता है भारत: पीयूष गोयल

उद्योग मंडल फिक्की और अन्य सहयोगी संगठन के साथ मिलकर सरकार कर रही काम

<p>Piyush Goyal</p>- India TV Paisa Image Source : PTI Piyush Goyal

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने 20 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें भारत वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन सकता है। साथ ही घरेलू मांग को भी पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उद्योग मंडल फिक्की और अन्य सहयोगी संगठन सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उद्योग मंडल फिक्की के वेबिनार को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, ‘‘हमने पहले 12 क्षेत्रों की और अब आठ और की पहचान की है। इस तरह अब हमारे पास 20 ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत ना सिर्फ घरेलू मांग को पूरा कर सकता है। बल्कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकता है और वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन सकता है।

उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र खाद्य प्रसंस्करण, जैविक खेती, कृषि-रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिकी मशीनरी, फर्नीचर, चर्म उद्योग, वाहन कलपुर्जे और कपड़ा हैं। उन्होंने कहा कि कुशल बढ़ई और कारीगर होने के बावजूद भारत फर्नीचर का आयात करता है। गोयल ने कहा, ‘‘क्या हम भारत को दुनिया के फर्नीचर का कारखाना नहीं बना सकते। क्या हम इतनी प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उत्पादन नहीं कर सकते कि दुनिया हमारी तरफ खरीदने की नजर से देखे।’’

 इसी तरह योग के बारे में बात करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में उद्योग और नव उद्यमियों के लिए व्यापक अवसर हैं। दुनिया इसके लिए रोमांचित है। लेकिन क्या भारत ने उस अवसर को वास्तव में हासिल किया है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए खोला। क्या हमने दुनियाभर में एक लाख योग केंद्र बनाए। किसी उद्यमी या स्टार्टअप ने एक लाख या पांच लाख योग प्रशिक्षकों को तैयार करने के बारे में सोचा जो दुनियाभर में नौकरी कर सकते हैं। गोयल ने कहा कि इलाज का मतलब हमेशा अस्पताल और डॉक्टर के पास जाना नहीं होता। ऐसे में योग प्रशिक्षकों के पास रक्षात्मक इलाज उपलब्ध कराने के लिए व्यापक मौके हैं। उन्होंने कि कोविड-19 के बाद लोग सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए शायद डॉक्टर के पास ना जाएं ऐसे में रक्षात्मक उपायों की ओर ध्यान क्यों ना दिया जाए। गोयल ने कहा कि वह नहीं जानते कि एक राष्ट्र और भारतीय के तौर पर हम इस अवसर का लाभ उठाने में विफल रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने दृष्टकोण से अवसरों के द्वार खोले और हम उस मौके का लाभ नहीं उठा पाए।

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