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Hindi News पैसा बिज़नेस दूसरी तिमाही में बिजली की बिक्री में 13 फीसदी की बढ़त: इंडियन एनर्जी एक्सचेंज

दूसरी तिमाही में बिजली की बिक्री में 13 फीसदी की बढ़त: इंडियन एनर्जी एक्सचेंज

आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के साथ बिजली मांग में भी बढ़त देखने को मिली है और मांग महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गयी। देश में सितंबर माह में बिजली की अधिकतम मांग में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत और खपत में 4.6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी।

<p>दूसरी तिमाही के...- India TV Paisa Image Source : PTI दूसरी तिमाही के दौरान बिजली की बिक्री में बढ़त

नई दिल्ली। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) ने बुधवार को कहा कि सितंबर तिमाही में उसकी बिजली बिक्री 13.2 प्रतिशत बढ़कर 1648.6 करोड़ यूनिट रही। बिजली मांग बढ़ने और कोविड-19 के पूर्व स्तर पर पहुंचने के साथ एक्सचेंज में बिक्री बढ़ी है। आईईएक्स ने एक बयान में कहा कि दूसरी तिमाही में औद्योगिक गतिविधियों और बिजली खपत में तेज बढ़त दर्ज हुई है। इसका कारण देश भर में ‘लॉकडाउन’ से जुड़ी पाबंदियों में ढील दिया जाना है। बयान के अनुसार एक्सचेंज में बिजली बिक्री चालू वित्त वर्ष 220-21 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 13.2 प्रतिशत बढ़कर 1648.6 करोड़ यूनिट रही। जबकि एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में यह 1,456 करोड़ यूनिट थी।

दूसरी तिमाही की शुरूआत में विनिर्माण गतिविधियां धीमी रही। इसकी मुख्य वजह कुछ राज्यों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये दोबारा से ‘लॉकडाउन’ लगाया जाना था। हालांकि अगस्त और सितंबर में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आयी। आईईएक्स ने कहा कि आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के साथ बिजली मांग भी बढ़ी और कोविड- पूर्व स्तर पर पहुंच गयी। देश में सितंबर माह में बिजली की अधिकतम मांग में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत और खपत में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।

स्टैंडअलोन आधार पर तिमाही में ऑपरेशंस से आय पिछले साल के मुकाबले 4.9 फीसदी बढ़ी। आय में बढ़त वॉल्यूम में बढ़त की वजह से देखने को मिली है। हालांकि ट्रेजरी आय में गिरावट की वजह से कुल आय में 0.8 फीसदी की ही बढ़त देखने को मिली है। तिमाही के दौरान कुल आय पिछले साल के मुकाबले 78.72 करोड़ रुपये से बढ़कर 79.35 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। वहीं स्टैंडअलोन मुनाफा पिछले साल के मुकाबले 4.4 फीसदी की गिरावट के साथ 46.69 करोड़ रुपये पर आ गया है। वहीं कंसोलिडेटड मुनाफा पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी की गिरावट के साथ 44.33 करोड़ रुपये पर आ गया है।

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