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Hindi News पैसा बिज़नेस वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में राजकोषीय घाटा बजट के सालाना अनुमान से ऊपर निकला

वित्त वर्ष के पहले 6 महीने में राजकोषीय घाटा बजट के सालाना अनुमान से ऊपर निकला

चालू वित्त वर्ष 2020- 21 की अप्रैल से सितंबर अवधि के दौरान केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 9,13,993 करोड़ रुपये रहा है। और यह बजट अनुमान के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया। बजट में 2020-21 में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।

<p><span lang="HI" style="font-size: 10.5pt; line-height:...- India TV Paisa Image Source : PTI राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 114.8 प्रतिशत तक पहुंचा 

नई दिल्ली। केन्द्र का राजकोषीय घाटा पहली छमाही में ही वार्षिक अनुमान से ऊपर निकल गया है। राजस्व प्राप्ति कम रहने से सितंबर में समाप्त छह माह में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 114.8 प्रतिशत तक पहुंच गया। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं। यही वजह है कि पहली छमाही में राजस्व प्राप्ति भी प्रभावित हुई और राजकोषीय घाटा 9.14 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। बजट में 2020-21 में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।

सरकार के महा लेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2020- 21 की अप्रैल से सितंबर अवधि के दौरान केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 9,13,993 करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 92.6 प्रतिशत पर रहा था जबकि इस साल यह 114.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। सरकार को मिलने वाले कुल राजस्व और उसके कुल खर्च के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। वास्तव में इस साल जुलाई में ही राजकोषीय घाटा वार्षिक अनुमान के बराबर पहुंच गया था। इस वित्त वर्ष में सितंबर तक सरकार को कुल 4,58,508 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। यह राशि अनुमानित वार्षिक राजस्व का 25.18 प्रतिशत रही है। पिछले वित्त वर्ष में सितंबर तक यह प्राप्ति वार्षिक अनुमान का 40.2 प्रतिशत रही थी।

सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर तक प्राप्त राजस्व में केन्द्र को शुद्ध रूप से 4,58,508 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। इसमें से 92,274 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 14,635 करोड़ रुपये गैर- कर्ज पूंजी प्राप्ति रही। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में सीजीए के आंकड़ों को दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सितंबर तक केन्द्रीय कर में राज्यों को उनके हिस्से के रूप में 2,59,941 करोड़ रुपये जारी किये गये। यह राशि पिछले साल के मुकाबले 51,277 करोड़ रुपये कम रही है। सीजीए आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान सरकार का कुल व्यय 14,79,410 करोड़ रुपये रहा। यह राशि बजट अनुमान का 48.63 प्रतिशत रही। इसमें से 13,13,574 करोड़ रुपये राजस्व खाते में खर्च किये गये जबकि 1,65,836 करोड़ रुपये पूंजी खाते में खर्च किये गये।

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