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Hindi News पैसा बिज़नेस सितंबर में औद्योगिक उत्पादन में 3.1% की बढ़त, अक्टूबर में महंगाई दर मामूली बढ़ी

सितंबर में औद्योगिक उत्पादन में 3.1% की बढ़त, अक्टूबर में महंगाई दर मामूली बढ़ी

सितंबर, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 2.7 प्रतिशत, खनन क्षेत्र का उत्पादन 8.6 प्रतिशत जबकि बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़ा।

<p>सितंबर औद्योगिक...- India TV Paisa Image Source : PTI सितंबर औद्योगिक उत्पादन में 3.1% की बढ़त

नई दिल्ली। देश का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) सितंबर में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 3.1 प्रतिशत बढ़ा है। सबसे ज्यादा ग्रोथ माइनिंग सेक्टर में देखने को मिली है। वहीं अक्टूबर के महीने में महंगाई दर में बढ़त दर्ज हुई है, हालांकि ये बढ़त मामूली है। महंगाई दर पर अक्टूबर के दौरान खाद्य कीमतों में आई तेजी का इसमें असर दिखा है।  

आईआईपी में बढ़त दर्ज
अगस्त में पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ देखने को मिली थी, हालांकि अगस्त में आई तेजी पिछले साल लो बेस इफेक्ट की वजह से थी। सितंबर के आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि अब लो बेस इफेक्ट का असर खत्म हो रहा है और ग्रोथ के आंकड़े सामान्य स्थितियों में पहुंच रहे हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर, 2021 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 2.7 प्रतिशत बढ़ा। सितंबर में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 8.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़ा। सितंबर, 2020 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक प्रतिशत रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में आईआईपी में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन 20.8 प्रतिशत बढ़ा था। पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस महामारी की वजह से औद्योगिक उत्पादन में 18.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के चलते अप्रैल, 2020 में औद्योगिक उत्पादन 57.3 प्रतिशत घटा था। 

महंगाई में मामूली बढ़त
वहीं सरकारी आंकड़ों में शुक्रवार को बताया गया कि खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी के कारण खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में मामूली रूप से बढ़कर 4.48 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में 4.35 प्रतिशत और अक्टूबर, 2020 में 7.61 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 0.85 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने में 0.68 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया है, जिसमें ऊपर-नीचे दो प्रतिशत का अंतर हो सकता है। आरबीआई के अनुमानों के मुताबिक सीपीआई मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 प्रतिशत के करीब रहेगी। इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। 

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