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मेडिकल ऑक्सिजन की कमी से निपटने के लिए एक्शन में योगी सरकार, 125 प्लांट लगाने का फैसला

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि छोटे अस्पतालों में तात्कालिक जरूरतों को देखते हुए पोर्टेबल टाइप या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जाएं, ताकि लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।

<p>उत्तर प्रदेश में...- India TV Paisa Image Source : PTI उत्तर प्रदेश में लगेंगे 125 ऑक्सीजन प्लांट

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कई बड़े फैसले लिए हैं। उनके निर्देश पर प्रदेश के लगभग 50 अति प्रभावित जिलों और हर जिले में कम से कम दो सीएचसी यानि प्रदेश में करीब 125 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए उन्होंने आबकारी और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग को निर्देश भी जारी किये हैं। सरकार के मुताबिक योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए आबकारी और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग ने इसके लिए तत्काल कार्यवाही भी शुरू कर दी है। 

प्रदेश सरकार के मुताबिक ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी विकल्पों पर कार्य किया जा रहा है। जिस कारण प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति में लगातार बढोतरी देखने को मिल रही है। सीएम योगी ने आबकारी विभाग और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग को निर्देशित किया है कि सभी आबकारी कंपनियों, सभी चीनी मिलों और उनके अधीन फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड बेचने वाली कंपनियों से सीएसआर फंड के तहत ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए तीव्र गति से प्रयास किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी जिले के संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सभी जिला अस्पतालों में उचित क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट्स तत्काल लगाए जाएं। इसके लिए दोनों विभागों आबकारी और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग प्रयास करें। साथ ही यथाशीघ्र डीएम और सीएमओ के परामर्श से जिले के ज्यादा आवश्यकता वाले सीएचसी चिह्नित करें और बड़े प्लांटों को जिला अस्पतालों में स्थापित कराएं। 

प्रमुख सचिव आबकारी और चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश के बाद तत्काल प्रभाव से कार्यवाही शुरू कर दी गई है। प्रदेश के सभी डीएम और सीएमओ से सबसे जरुरतमंद सीएचसी और अस्पताल की सूची मांग ली गई है। इसी के आधार पर कार्यवाही शुरू की गई है। कोशिश है कि जल्द से जल्द उन जिलों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना कराएं, जहां जरूरत ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि छोटे अस्पतालों में तात्कालिक जरूरतों को देखते हुए पोर्टेबल टाइप या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जाएं, ताकि लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके। सीएचसी स्तर पर करीब 30 बेड होते हैं और यहां पर ऑक्सीजन प्लांट के लिए अनुमानित खर्च 40 लाख रुपए है। ऐसे ही जिले स्तर पर बड़े अस्पतालों के लिए बेडों की संख्या के अनुसार एक से दो करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

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