A
Hindi News पैसा बिज़नेस ब्रेक्जिट की धमक से शेयर कारोबार में उतार-चढ़ाव अभी बना रह सकता है

ब्रेक्जिट की धमक से शेयर कारोबार में उतार-चढ़ाव अभी बना रह सकता है

ब्रिटेन के मतदाताओं के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) के निर्णय से भारत में शेयर बाजारों के कारोबार पर इस सप्ताह भी असर पड़ सकता है।

Week Ahead: इस हफ्ते भी ब्रेक्जिट का बाजार पर दिखेगा असर, कटान पर टिकी निवेशकों की नजर- India TV Paisa Week Ahead: इस हफ्ते भी ब्रेक्जिट का बाजार पर दिखेगा असर, कटान पर टिकी निवेशकों की नजर

नई दिल्ली। ब्रिटेन के मतदाताओं के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) के निर्णय से भारत में शेयर बाजारों के कारोबार पर इस सप्ताह भी असर पड़ सकता है और बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इस सप्ताह गुरुवार को डेरिवेटिव खंड में सौदों के निपटान का आखिरी दिन होने से भी अनिश्चिता बढ़ने का जोखिम है। इक्विरूस सिक्योरिटीज के प्रमुख पंकज शर्मा ने कहा, इस सप्ताह की शुरुआत में हमें भारतीय बाजारों में ऊतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है और इसमें कुछ और गिरावट की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी काफी नाजुक है। इस बात की काफी संभावना है कि हमें अगले 18-24 महीनों में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से कुछ अत्यंत नकारात्मक खबरें सुनने को मिले। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार ब्रेक्जिट की धमक का असर इस सप्ताह भी बना रह सकता है और सप्ताह के दौरान डेरिवेटिव खंड के अनुबंधों का निपटान होने से भी बेचौनी बढ़ सकती है।

ट्रेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक विजय सिंघानिया ने कहा, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने से शेयर सम्पत्तियों को लेकर अनिश्चितता पैदा हुई है। हालांकि यह केवल अल्पकाल के लिए ही है। इस सप्ताह बाजार की धारणा इससे प्रभावित रह सकती है। उन्होंने कहा कि वैश्विक संकेतों के अलावा निवेशक की नजर मानसून की प्रगति पर भी होगी। सिंघानिया ने कहा, इस सप्ताह शेयरों खरीद फरोख्त का कारोबार करने वालों की ओर से वायदा एवं विकल्प खंड में अपने सौदों को आगे बढ़ाये जाने के बीच बाजार उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है। इसके अलावा शक्रवार को वाहनों की बिक्री के मासिक आंकड़ा ओने से वाहन कंपनियों के शेयर केंद्र में रहेंगे। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा, भारतीय बाजार निश्चित रूप से वैश्विक कारकों से प्रभावित होगा लेकिन अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है। इसका कारण वृहत आर्थिक मोर्चे में अच्छी स्थिति तथा वैश्विक प्रभावों का सीमित असर होना है।

शुक्रवार को ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह के नतीजे के बाद बंबई शेयर बाजार का सूचकांक कारोबार के दौरान करीब 1,100 अंक नीचे गिर गया लेकिन अंत में यह 604.51 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। साप्ताहिक आधार पर भारी बिकवाली दबाव से सेंसेक्स 228 अंक तथा नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 82 अंक नीचे आया।

यह भी पढ़ें- ब्रिटेन के EU से अलग होने का भारत पर नहीं होगा असर, ब्रेक्जिट को बढ़ा-चढ़ाकर किया गया पेश: आनंद महिंद्रा

Latest Business News