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Hindi News पैसा बिज़नेस बेहतर मुनाफा कमाकर ITC ने दी अपने दिवंगत चेयरमैन को श्रद्धांजलि, संजीव पुरी को घोषित किया नया चैयरमैन

बेहतर मुनाफा कमाकर ITC ने दी अपने दिवंगत चेयरमैन को श्रद्धांजलि, संजीव पुरी को घोषित किया नया चैयरमैन

वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में आईटीसी की कुल आय 14.26 प्रतिशत बढ़कर 12,946.21 करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 11,329.74 करोड़ रुपए थी।

ITC Q4 net profit rises 18.72% to Rs 3,481.9 crore, appoints Sanjiv Puri as Chairman and MD- India TV Paisa Image Source : ITC Q4 NET PROFIT RISES ITC Q4 net profit rises 18.72% to Rs 3,481.9 crore, appoints Sanjiv Puri as Chairman and MD

नई दिल्‍ली। विविध कारोबारी समूह आईटीसी लिमिटेड ने सोमवार को बेहतर वित्‍तीय परिणामों को जारी कर अपने दिवंगत चेयरमैन वाई.सी. देवेश्‍वर को श्रद्धांजलि दी है। कैंसर पीडि़त  वाई.सी. देवेश्‍वर का निधन शनिवार को हो गया था। आईटीसी लिमिटेड ने बताया कि वित्‍त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में कंपनी का एकल मुनाफा 18.72 प्रतिशत बढ़कर 3,481.9 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 2,932.71 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया था। आईटीसी ने अपने प्रबंध निदेशक संजीव पुरी को कंपनी का नया चैमयरमैन और प्रबंध निदेशक बनाने की भी घोषणा की है।

वित्‍त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में आईटीसी की कुल आय 14.26 प्रतिशत बढ़कर 12,946.21 करोड़ रुपए रही, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 11,329.74 करोड़ रुपए थी। सिगरेट सहित एफएमसीजी कारोबार का कुल राजस्‍व जनवरी-मार्च 2019 तिमाही में 8,759.84 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पूर्व समान तिमाही में 7,988.29 करोड़ रुपए था।

समीक्षाधीन तिमाही के दौरान सिगरेट से प्राप्‍त होने वाला राजस्‍व 5,485.92 करोड़ रुपए रहा, जो 2017-18 की चौथी तिमाही में 4,936.45 करोड़ रुपए था। पिछले वित्‍त वर्ष की चौथी तिमाही में आईटीसी का गैर-एफएमसीजी कारोबार, जिसमें होटल, एग्री बिजनेस, पेपरबोर्ड, पेपर और पैकेजिंग शामिल हैं, से राजस्‍व 4,148.05 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पूर्व की समान तिमाही में 3,517.1 करोड़ रुपए था।

कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स ने सोमवार को हुई बैठक के दौरान संजीव पुरी को कंपनी का चेयरमैन बनाने की घोषणा की। उनकी यह नियुक्ति 13 मई, 2019 से प्रभावी हो गई है। 2017 में आईटीसी ने कार्यकारी चेयरमैन की भूमिका को चेयरमैन और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी के बीच विभाजित कर दिया था। संजीव पुरी के नेतृत्‍व वाले कार्यकारी प्रबंधन में देवेश्‍वर एक संरक्षक की भूमिका निभा रहे थे।

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