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जेपी इंफ्राटेक मामला: ऋणदाताओं को अधिक नकदी, जमीन की पेशकश कर सकती है सुरक्षा रीयल्टी

दिवाला हो चुकी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल मुंबई की कंपनी सुरक्षा रीयल्टी अपनी बोली का अधिक आकर्षक बना सकती है।

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नयी दिल्ली। दिवाला हो चुकी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की दौड़ में शामिल मुंबई की कंपनी सुरक्षा रीयल्टी अपनी बोली का अधिक आकर्षक बना सकती है। कंपनी वित्तीय ऋणदाताओं को अतिरिक्त नकदी और जमीन की पेशकश कर सकती है। सूत्रों ने सोमवार को बताया कि इसके अलावा सुरक्षा रीयल्टी की ओर से घर खरीदारों को आवंटन में देरी के लिए ऊंचे मुआवजे की भी पेशकश की जा सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी भी जेपी इंफ्राटेक के लिए बोली लगाने की दौड़ में शामिल है। 

एनबीसीसी लिमिटेड भी सक्रिय तरीके से ऋणदाताओं को अधिक जमीन के साथ 20,000 फ्लैटों को पूरा करने की समयसीमा को घटाने की भी पेशकश कर सकती है। ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) की 28 नवंबर को हुई बैठक में एनबीसीसी और सुरक्षा रीयल्टी को अपने पिछली बोलियों में संशोधन के बाद अंतिम पेशकश तीन दिसंबर यानी मंगलवार तक देने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा रीयल्टी ऋणदाताओं को किये जाने वाले अग्रिम भुगतान को भी बढ़ा सकती है। पहले उसने ऋणदाताओं को 25 करोड़ रुपये अग्रिम भुगतान की पेशकश की थी। 

जमीन-ऋण अदला-बदली करार के तहत कंपनी मूल्य के हिसाब से जमीन के टुकड़ों की पेशकश बढ़ा सकती है। फिलहाल उसने 7,800 करोड़ रुपए मूल्य की 1,934 एकड़ जमीन की पेशकश की है। फ्लैट खरीदारों के लिए सुरक्षा रीयल्टी विलंब के लिए अधिक जमीन को अलग रखने पर विचार कर रही है। कंपनी ने पहले इसके लिए 100 करोड़ रुपए अलग रखने का प्रस्ताव किया था। कंपनी ने अगले तीन साल में फ्लैटों का निर्माण पूरा करने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी लाने का प्रस्ताव किया है। साथ ही कंपनी यमुना एक्सप्रेसवे को अपने पास ही रखना चाहती है। 

सूत्रों ने रविवार को बताया था कि एनबीसीसी अपनी अंतिम बोली में बिना दावे वाले फ्लैटों और गिरवी रखी जमीन की पेशकश को वापस ले सकती है। इनके बजाय पहले की गई 1,426 एकड़ जमीन की पेशकश के ऊपर और जमीन के टुकड़े देने का प्रस्ताव कर सकती है। इसके अलावा कंपनी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा को भी घटा सकती है। कंपनी की मौजूदा पेशकश में चार साल में कब्जा देने का प्रस्ताव है।

बैंकों का 9,800 करोड़ रुपए का बकाया चुकाने के लिए एनबीसीसी ने पिछले महीने अपनी 5,000 करोड़ रुपए की 1,426 एकड़ जमीन की पेशकश की थी। इसके अलावा उसने प्रवर्तक जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा गिरवी रखी 858 एकड़ जमीन में से 75 प्रतिशत देने की पेशकश की थी। अब इस जमीन पर जेपी इन्फ्राटेक दावा कर रही है। 

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