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नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की सूची में झारखंड का रामगढ़ सबसे ऊपर

कर्नाटक के यादगीर को दूसरा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली को तीसरा स्थान मिला है। इसके अलावा इस लिस्ट में झारखंड के दुमका को चौथा और साहिबगंज को पांचवां स्थान मिला है।

<p>आकांक्षी जिलों की...- India TV Paisa Image Source : GOOGLE आकांक्षी जिलों की लिस्ट जारी

नई दिल्ली। सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा जारी आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts)  की नवंबर महीने की सूची में झारखंड के रामगढ़ जिले को पहला स्थान मिला है। नीति आयोग ने एक ट्वीट में कहा कि यादगीर (कर्नाटक), गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) को दूसरे और तीसरे स्थान पर रखा गया है। इसके अलावा इस सूची में झारखंड के दुमका को चौथा और साहिबगंज को पांचवां स्थान मिला है। डेल्टा रैंकिंग द्वारा तैयार की गई इस रैंकिंग मे 112 से अधिक आकांक्षी जिलों द्वारा छह क्षेत्रों में की गई प्रगति को ध्यान में रखा गया। ये छह विकासात्मक क्षेत्र स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेश, कौशल विकास और बुनियादी ढांचा विकास हैं, जिन्हें रैंकिंग के लिए ध्यान में रखा गया। आकांक्षी जिलों की रैंकिंग हर महीने जारी किया जाता है। आकांक्षी जिला कार्यक्रम जनवरी 2018 में शुरू किया गया। इसका उद्देश्य उन जिलों को आगे बढ़ाना है जिनमें महत्वपूर्ण सामाजिक क्षेत्रों में कम प्रगति देखी गई है और कम विकसित इलाके के तौर पर सामने आये हैं। आकांक्षी जिलों की यह रैंकिंग हर महीने जारी की जाती है।

अक्टूबर के महीने में मिजोरम के मामित जिले ने लिस्ट में नंबर एक स्थान हासिल किया था। बिहार का बांका जिला दूसरे स्थान पर, ओडिशा का ढेंकानाल तीसरे स्थान पर, मध्य प्रदेश का गुना चौथे स्थान पर और झारखंड का पाकुर पांचवे स्थान पर रहा था। नीति आयोग के मुताबिक स्वास्थ्य और शिक्षा का रैंकिंग पर वेटेज 30-30 फीसदी है। वहीं कृषि का 20 फीसदी, फाइनेंशियल इनक्लूजन 5 फीसदी, स्किल डेवलपमेंट 5 फीसदी और इंफ्रास्ट्रक्चर का वेटेज 10 फीसदी है। यानि नीति आयोग की रैंकिंग में स्वास्थ्य और शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। वहीं कृषि में बदलाव का भी रैंकिंग पर सीधा असर पड़ता है।  

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