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GST: पुराने माल पर MRP लगाना जरूरी, नहीं जाना पड़ सकता है जेल

GST के बाद संसोधित MRP प्रकाशित नही करने पर सरकार विनिर्माताओं पर जुर्माना लगाएगी और इसमें जेल भी हो सकती है

GST: पुराने माल पर संशोधित MRP लगाना है जरूरी, ऐसा न करने वालों को हो सकती है जेल- India TV Paisa GST: पुराने माल पर संशोधित MRP लगाना है जरूरी, ऐसा न करने वालों को हो सकती है जेल

नई दिल्ली।  नए जीएसटी (GST) कानून के तहत यदि कोई मैन्‍यूफैक्‍चरर्स अपने बिना बिके माल और नए उत्‍पादों पर संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्‍य (MRP) का उल्‍लेख नहीं करता है तो उसे एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरने के साथ ही साथ जेल भी जाना पड़ सकता है।

उपभोक्‍ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आज चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जीएसटी के बाद नए रेटों को पुराने माल पर नहीं लगाया गया तो जुर्माने के साथ ही जेल भी होगी। सरकार ने विनिर्माताओं को 30 सितंबर तक नई एमआरपी के साथ अपना पुराना स्‍टॉक खत्‍म करने की अनुमति दी है।

मंत्रालय ने उपभोक्‍ताओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए एक समिति गठित की है और टैक्‍स संबंधी सवालों का जवाब देने के लिए हेल्‍प लाइन नंबर्स को 14 से बढ़ाकर 60 कर‍ दिया है। अभी तक मंत्रालय को हेल्‍प लाइन के जरिये 700 से अधिक सवाल मिले हैं और मंत्रालय ने इनको हल करने के लिए विशेषज्ञों की मदद मांगी है। जीएसटी के तहत कुछ उत्‍पादों के दाम घटे हैं तो कुछ के बढ़े हैं, इसलिए सरकार ने जीएसटी लागू होने से पहले उत्‍पादित माल पर दोबारा संशोधित एमआरपी का स्‍टीकल लगाकर माल बेचने की अनुमति दी है, लेकिन ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ लोग पुरानी एमआरपी पर ही उत्‍पादों की बिक्री कर रहे हैं।

संसोधित MRP प्रकाशित नही करने पर सरकार विनिर्माताओं पर जुर्माना लगाएगी और इसमें जेल भी हो सकती है। गुरुवार को भी GST से जुड़ी एक और जानकारी निकलकर आई थी, जिसके मुताबिक 20 लाख रुपए से कम का सालाना कारोबार करने वाले व्यापारी अगर दूसरे राज्य में कारोबार करना चाहते हैं तो उनको GST के तहत पंजीकृत होना पड़ेगा सिर्फ उन्हीं व्यापारियों को पंजीकरण से छूट मिलेगी जो कारोबार को अपने ही राज्य तक सीमित रखेंगे। 20 लाख रुपये से कम का सालाना टर्नओवर रखने वाले कारोबारियों को पंजीकरण से छूट है।

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