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Hindi News पैसा बिज़नेस भारत में MFI को मिलनी चाहिए जनता का पैसा जमा करने की इजाजत, नोबल विजेता मुहम्‍मद यूनुस ने की मांग

भारत में MFI को मिलनी चाहिए जनता का पैसा जमा करने की इजाजत, नोबल विजेता मुहम्‍मद यूनुस ने की मांग

बैंकिंग प्रणाली गरीबों को पैसा उधार देने के लिए उत्सुक नहीं है, ऐसे में उनके लिए एक वैकल्पिक बैंकिंग चैनल विकसित किया जाना है।

MFIs in India should be allowed to accept deposits from public, says Yunus- India TV Paisa Image Source : GOOGLE MFIs in India should be allowed to accept deposits from public, says Yunus

कोलकाता। नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस ने कहा कि भारत में सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) को जनता से जमाएं स्वीकार करने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्होंने पैनआईआईटी ग्लोबल ई-कॉन्‍क्‍लेव में कहा कि इस समय एमएफआई को धन के लिए बैंकों के पास जाना पड़ता है। बांग्लादेश स्थित ग्रामीण बैंक के संस्थापक यूनुस ने रविवार शाम कहा कि भारत सरकार से मेरी अपील है कि एमएफआई को जनता से जमाएं स्वीकार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। अभी वे पैसे के लिए बैंकों में जाते हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने छोटे वित्त बैंक खोलने की अनुमति दी है, जो जमाएं स्वीकार करने में सक्षम हैं। गौरतलब है कि उज्जीवन और जन जैसे कई एमएफआई ने आरबीआई से लाइसेंस पाने के बाद खुद को छोटे वित्त बैंक के रूप में तब्दील किया है। उन्होंने कहा कि वित्त लोगों के लिए आर्थिक ऑक्सीजन है। बैंकिंग प्रणाली गरीबों को पैसा उधार देने के लिए उत्सुक नहीं है, ऐसे में उनके लिए एक वैकल्पिक बैंकिंग चैनल विकसित किया जाना है।

इस समय एमएफआई को जमाएं स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में लाभार्थियों के लिए धन की लागत अधिक हो जाती है क्योंकि वे बैंकों से धन उधार लेते हैं। यूनुस ने कहा कि एमएफआई क्षेत्र को सामाजिक व्यवसाय के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। उन्होंने बिना मुनाफे के काम करने वाली संस्थाओं को तैयार करने पर भी जोर दिया। यूनुस को 2006 में सूक्ष्म वित्त के क्षेत्र में उनके काम के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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